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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Oct 2025 03:35:52 PM IST
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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अपने चरम पर हैं और हर राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। चुनाव सिर्फ राजनीतिक दलों और मतदाताओं के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उन कर्मचारियों के लिए भी यह समय चुनौती और अवसर दोनों लेकर आता है, जो चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में जुटे रहते हैं। इस बार खासकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ी खुशखबरी दी है, जिसे जानकर उनकी मेहनत का सही मूल्य तय होने के साथ-साथ चेहरे पर मुस्कान भी आएगी।
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अब चुनाव ड्यूटी में लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रतिदिन 350 रुपये का भत्ता मिलेगा, जो पहले 200 रुपये था। यदि कोई कर्मचारी पूरे चुनाव कार्यकाल में ड्यूटी करता है, तो उसे एकमुश्त 1400 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह कदम पहले के मुकाबले लगभग दोगुना भुगतान सुनिश्चित करता है और कर्मचारियों की मेहनत को सम्मान देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया के ऐसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जो पर्दे के पीछे रहते हुए भी हर कदम पर चुनाव की सफलता सुनिश्चित करते हैं। ये कर्मचारी मतदान केंद्रों पर व्यवस्था बनाए रखने, मतदान सामग्री पहुँचाने, आवश्यक दस्तावेज संभालने और मतदान प्रक्रिया को बिना किसी बाधा के चलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। उनका कार्य केवल मतदान तक सीमित नहीं है; वे सुबह से लेकर देर रात तक हर समय सक्रिय रहते हैं ताकि हर मतदाता को सही दिशा और मदद मिल सके।
चुनाव के दौरान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की जिम्मेदारियां काफी विस्तृत होती हैं। वे मतदान केंद्रों की सफाई, मतदान मशीनों (EVM) की देखभाल, मतदाताओं की सहायता, मतदान सामग्री की समय पर डिलीवरी और प्रशासनिक सहयोग सुनिश्चित करने जैसे काम करते हैं। इनके बिना मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित करना असंभव है। इसी वजह से राज्य सरकार ने उनकी मेहनत और योगदान को ध्यान में रखते हुए भत्ते में यह वृद्धि की है।
चुनाव आयोग ने भी इस फैसले को सराहा है और इसे चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। आयोग ने कहा कि इसका उद्देश्य है कि जो कर्मचारी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ चुनाव प्रक्रिया में काम करते हैं, उन्हें उनके परिश्रम का सही मूल्य मिले। यह न केवल कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा बल्कि उन्हें और अधिक जिम्मेदारी और उत्साह के साथ अपने कार्य को निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अलावा, चुनाव के दौरान सुरक्षा और प्रशासनिक कर्मचारियों का भी योगदान महत्वपूर्ण होता है, लेकिन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भूमिका इस प्रक्रिया को जमीन पर ठोस बनाने की होती है। वे मतदान केंद्रों पर रोजमर्रा की चुनौतियों का सामना करते हैं, जैसे भारी भीड़ का प्रबंधन, तकनीकी समस्याओं का समाधान और मतदाताओं को सही जानकारी प्रदान करना। इन सब कार्यों के लिए उनका सम्मान और उचित भुगतान अनिवार्य है।
इस नई व्यवस्था से न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि उन्हें यह भी अहसास होगा कि उनके योगदान को महत्व दिया जा रहा है। राज्य सरकार और चुनाव आयोग दोनों का यह प्रयास कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना को दर्शाता है। इससे आगामी चुनावों में कर्मचारियों का समर्पण और अधिक सुनिश्चित होगा और चुनाव प्रक्रिया और भी प्रभावी तरीके से संपन्न होगी।