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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 06 Nov 2025 12:23:17 PM IST
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Bihar Election 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के तहत 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान शुरू हो चुका है। सुबह से ही कई इलाकों में मतदाता लाइनों में दिखाई दे रहे हैं। यह चरण बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसी के आधार पर सत्ता परिवर्तन की बयार का शुरुआती संकेत मिलता है। इस चरण में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।
इस बीच, चुनावी विश्लेषण के लिहाज से यह समझना जरूरी हो जाता है कि पिछली तीन विधानसभा चुनावों—2020, 2015 और 2010—में पहले चरण की सीटों पर वोटिंग पैटर्न कैसा रहा और किन सीटों पर मतदाता व्यवहार लगातार एक जैसा दिखाई देता रहा है।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 56.1% मतदान दर्ज किया गया था
सबसे ज्यादा वोटिंग – मीनापुर: 65.3%
सबसे कम वोटिंग – कुम्हरार: 35.3%
उस चुनाव में देखा गया कि उत्तर-मध्य बिहार के ग्रामीण इलाकों में उत्साह अधिक था, जबकि शहरी सीटों, खासकर पटना स्थित कुम्हरार और बांकीपुर में मतदान प्रतिशत कम ही रहा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शहरी मतदाता चुनावी प्रक्रियाओं में ग्रामीण मतदाताओं की तुलना में कम भागीदार बनते हैं।
2015 के पहले फेज का मतदान
2015 के विधानसभा चुनाव में भी फर्स्ट फेज का टर्नआउट 55.9% रिकॉर्ड किया गया था—जो 2020 से मामूली ही कम था।
सबसे ज्यादा – बोचहां: 65.5%
सबसे कम – कुम्हरार: 38.2%
उस चुनाव में ग्रामीण इलाकों में लगभग हर सीट पर मतदाता बेहद सक्रिय दिखाई दिए। लेकिन शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम उत्साह देखा गया। यह पैटर्न शहरी राजनीति पर लगातार सवाल खड़ा करता रहा है कि आख़िर शहरी वोटर मतदान को गंभीरता से क्यों नहीं ले पाते?
2010 में कैसा रहा था मतदान?
साल 2010 के पहले चरण के मतदान प्रतिशत की स्थिति कुछ अलग थी। कुल टर्नआउट 52.1% था।
मीनापुर में 61.1% मतदान हुआ था
वहीं शहरी सीटों पर उत्साह तुलनात्मक रूप से बेहतर दर्ज किया गया
हालाँकि, कुछ आँकड़ों में 2010 में शहरी सीटों पर 37% मतदान का जिक्र मिलता है, पर कुल औसत 52.1% ही रहा। तब भी यह देखा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर टर्नआउट पूरे बिहार चुनाव की दिशा तय करता है।
तीनों चुनावों के पैटर्न से क्या निकला निष्कर्ष?
सीट/क्षेत्र लगातार ट्रेंड निष्कर्ष
मीनापुर हर चुनाव में 60%+ वोटिंग ग्रामीण क्षेत्र मतदान के प्रति अधिक जागरूक
कुम्हरार और बांकीपुर (पटना शहरी सीटें) मतदान प्रतिशत लगातार सबसे कम शहरी मतदाताओं की उदासीनता जारी
पूरे बिहार का टर्नआउट लगातार बढ़ा लोकतंत्र के प्रति जागरूकता में वृद्धि
इन तीन चुनावों में औसत मतदान प्रतिशत इस प्रकार रहा:
वर्ष टर्नआउट (%)
2010 52.1%
2015 55.9%
2020 56.1%
अगर पिछले चुनावों जैसे ही रुझान कायम रहते हैं, तो ग्रामीण क्षेत्र फिर से शहरों पर मात देते दिख सकते हैं। वहीं इस बार ईवीएम और मतदाता सुविधा संबंधी व्यवस्थाओं में सुधार के चलते मतदान प्रतिशत में और वृद्धि की संभावनाएं जताई जा रही हैं।पहले चरण में जिन 121 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से अधिकांश सीटें। सत्ता का समीकरण तय करने में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। 2020 में भी पहले चरण के प्रदर्शन ने चुनाव के नतीजों की झलक बहुत हद तक दे दी थी।