1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 11 Jul 2025 03:18:11 PM IST
पवन सिंह - फ़ोटो Google
Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। हाल ही में लखनऊ में पवन सिंह और जन सुराज के नेता आनंद मिश्रा की मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। मनीष कश्यप के जन सुराज में शामिल होने के बाद पवन सिंह का संभावित कदम बिहार की सियासत में बड़ा उलटफेर कर सकता है। खासकर भोजपुरी बेल्ट में जहां उनकी जबरदस्त लोकप्रियता है। हालांकि, पवन सिंह ने अभी तक जन सुराज में शामिल होने पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
पवन सिंह को भोजपुरी सिनेमा का ‘पावर स्टार’ कहा जाता है, उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के आसनसोल से बीजेपी के टिकट पर नामांकन किया था। हालांकि, पार्टी के फैसले के बाद उन्होंने बिहार के काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। बीजेपी से टिकट न मिलने और उपेक्षा से नाराज पवन सिंह अब बिहार में बदलाव की बात कर रहे हैं, जिसे जन सुराज की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। उनकी पीले गमछे वाली तस्वीर ने भी अटकलों को हवा दी है क्योंकि यह रंग जन सुराज से जोड़ा जाता है।
7 जुलाई को यूट्यूबर मनीष कश्यप ने पटना में प्रशांत किशोर की मौजूदगी में जन सुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। लाखों यूट्यूब सब्सक्राइबर्स वाले मनीष ने बीजेपी छोड़ने के बाद जन सुराज को बिहार के लिए नया विकल्प बताया है। प्रशांत किशोर ने मनीष को “बिहार का बेटा” करार देते हुए कहा कि वह युवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पार्टी को मजबूत करेंगे। मनीष का ‘स्कूल बैग’ प्रतीक के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान जन सुराज की युवा-केंद्रित रणनीति को भी दर्शाता है।
प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी को अक्टूबर 2024 में औपचारिक रूप से लॉन्च किया था, जिसके बाद उनकी 3000 किमी की पदयात्रा और ‘बात बिहार की’ अभियान ने ग्रामीण बिहार में खासी लोकप्रियता हासिल की है। किशोर ने सभी 243 विधानसभा सीटों पर स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है और पार्टी का फोकस EBC, दलित और मुस्लिम वोटरों पर है। पवन सिंह और मनीष कश्यप जैसे लोकप्रिय चेहरों को जोड़कर किशोर भोजपुरी बेल्ट और युवा वोटरों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। अब वह इसमें कितने सफल हो पाते हैं यह देखना होगा।
पवन सिंह की भोजपुरी बेल्ट में लोकप्रियता बीजेपी और आरजेडी दोनों के लिए खतरा बन सकती है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भोजपुरी बेल्ट की 73 सीटों में से 45 महागठबंधन को मिली थीं, जबकि एनडीए को केवल 27 सीटें मिली थीं। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को बक्सर, आरा, काराकाट और औरंगाबाद जैसी सीटों पर नुकसान हुआ। पवन सिंह का जन सुराज में शामिल होना इस क्षेत्र में बीजेपी के लिए चुनौती बढ़ा सकता है, क्योंकि उनकी स्टार पावर वोटों को बांट सकती है।