बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: बिहार के इस नक्सल प्रभावित इलाके में 73 साल बाद होगी वोटिंग, चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह ब्रजेश ऑटोमोबाइल्स महिन्द्रा ने रचा नया कीर्तिमान, सितम्बर-अक्टूबर में 2035 वाहनों की डिलीवरी Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी Pankaj Tripathi Mother Death: एक्टर पंकज त्रिपाठी की मां का निधन, हेमवती देवी ने 89 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 02 Nov 2025 10:52:07 AM IST
- फ़ोटो
Dularchand Yadav Murder Case : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। ऐसे में राज्य की सियासत पूरी तरह गर्म हो गई है। खासकर मोकामा विधानसभा सीट पर राजनीतिक हलचल लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। इस सीट से जुड़े दुलारचंद यादव हत्याकांड ने यहां के चुनावी समीकरणों को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। इस मामले में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रत्याशी और बाहुबली छवि के नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद चुनावी माहौल और भी दिलचस्प हो गया है। अब यहां इस बात को लेकर ज़बरदस्त चर्चा है कि क्या इस गिरफ्तारी का असर उनके वोट बैंक पर पड़ेगा और क्या यह विपक्ष के लिए चुनावी लाभ में बदल पाएगा?
अनंत सिंह, जिन्हें ‘छोटे सरकार’ के नाम से भी जाना जाता है, मोकामा क्षेत्र में एक प्रभावशाली चेहरा रहे हैं। हालांकि, उन पर लगे आरोपों और कानूनी मामलों के कारण उनकी छवि हमेशा विवादों में रही है। चुनावी दौर में उनकी गिरफ्तारी ने विपक्ष को बड़ा राजनीतिक मुद्दा थमा दिया है, जिसका फायदा उठाने के लिए महागठबंधन पूरी तरह सक्रिय हो गया है।
इसी कड़ी में आज मोकामा में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे और राजद नेता तेजस्वी यादव का चुनावी अभियान देखने को मिलेगा। तेजस्वी यादव यहां एक बड़ी चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। पहले बताया जा रहा था कि वह सभा के बाद एक पैदल मार्च भी करेंगे, लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार आज केवल एक जनसभा ही होगी। सभा के बाद वह मोकामा से बाढ़ के लिए रवाना हो जाएंगे, जहां उनका अगला कार्यक्रम निर्धारित है। मोकामा की यह चुनावी सभा कई मायनों में खास होगी, क्योंकि यह सभा ऐसे समय हो रही है जब सत्ता पक्ष के दावेदार का स्थान सीधे तौर पर कानूनी घेरे में है।
मोकामा में यह सियासी उठापटक नई नहीं है। यहां की राजनीति हमेशा से बाहुबली नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही है। अनंत सिंह और उनके विरोधी खेमे के बीच की टक्कर लंबे समय से चर्चा का विषय रही है। लेकिन इस बार की स्थिति कुछ अलग है। क्योंकि इस बार के चुनाव में अनंत सिंह खुद मैदान में उतर चुके थे, लेकिन गिरफ्तारी ने उनके अभियान को ठंडा कर दिया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस गिरफ्तारी के बाद सारा दायित्व अब उनके परिवार या समर्थकों पर आ जाएगा?
तेजस्वी यादव की आज की रैली इस सीट पर महागठबंधन को मजबूती देने की रणनीति का हिस्सा है। वे अपने भाषण में न सिर्फ जदयू और NDA पर निशाना साध सकते हैं, बल्कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी को भी मुद्दा बना सकते हैं। तेजस्वी यादव पहले भी कई मौकों पर कहा चुके हैं कि "बिहार में कानून का राज नहीं, सत्ता का डर चल रहा है"। ऐसे में यह सभा महागठबंधन के लिए उम्मीदवार को जिताने का एक बड़ा मंच साबित हो सकती है।
दूसरी ओर, जदयू और NDA खेमे की भी रणनीति स्पष्ट होती दिख रही है। अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बावजूद जदयू उन्हें समर्थन देने की बात कर रहा है, और दावा किया जा रहा है कि उनकी पत्नी या परिवार के अन्य सदस्य चुनाव प्रचार संभाल सकते हैं। हालांकि, यह भी एक सच्चाई है कि अनंत सिंह की व्यक्तिगत पकड़ वोटरों पर काफी मजबूत है, और उनकी गैरमौजूदगी से कुछ हद तक चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।
मोकामा की चुनावी हवा में फिलहाल दो बड़े सवाल तैर रहे हैं — पहला, क्या अनंत सिंह की गिरफ्तारी से जदयू को नुकसान होगा? और दूसरा, क्या महागठबंधन इस मौके का चुनावी लाभ उठाने में सफल होगा? इन दोनों ही सवालों का जवाब तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही साफ होगा, लेकिन फिलहाल इतना स्पष्ट है कि मोकामा की सियासत एक बार फिर से पूरे बिहार का ध्यान अपनी ओर खींच चुकी है।
तेजस्वी यादव की आज की रैली से पूर्व प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। सभा स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी इस आयोजन को देखने और सुनने की तैयारी में हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता का रुख किस ओर जाता है और क्या तेजस्वी यादव यहां अपने नेताओं के लिए जनता के बीच विश्वास जगा पाते हैं या नहीं।