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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 27 Feb 2025 11:49:55 AM IST
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Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार किया गया है. 26 फरवरी को भाजपा कोटे से सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है. मंत्रिमंडल विस्तार का काम तो हो गया, अब बारी खाली पड़े बोर्ड-निगम को भरने की है. बोर्ड-निगम में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्यों को भरने की तैयारी है. सत्ताधारी दल के सैंकड़ों कार्यकर्ता-नेता एडजस्ट होंगे. जेडीयू और भाजपा में इसे लेकर सहमति बन गई है. खबर है कि भाजपा ने अपनी लिस्ट तैयार कर ली है. बोर्ड-निगम में राजनैतिक नियुक्ति को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सरकारी विभागों से जुड़े आयोग-निगम में नियुक्ति को लेकर कभी भी अधिसूचना जारी हो सकती है. सारा पेंच सुलझा लिया गया है.
भंग आयोग में होगी राजनैतिक नियुक्तियां, जल्द जारी होगी अधिसूचना
दरअसल, खाली पड़े बोर्ड-निगम में राजनैतिक नियुक्ति होने में देरी हो रही थी. विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा, भाजपा-जेडीयू के कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ती जा रही थी. लेकिन मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद दोनों दल के कार्यकर्ताओं में आस जगी है. भाजपा ने अपने हिस्से में आने बोर्ड-निगम में अध्यक्ष और सदस्यों को लेकर नाम फाइनल कर लिए हैं. खबर है कि केंद्रीय नेतृत्व से सहमति मिलने के बाद नाम को उचित फोरम पर भेज दिया गया है. अब सिर्फ औपचारिकता रह गई है.जल्द ही नियुक्ति की अधिसूचना जारी हो जायेगी. इस तरह से विभिन्न विभागों में खाली आयोग-निगम में बड़ी संख्या में भाजपा-जेडीयू के कार्यकर्ता-नेता एडजस्ट होंगे. जानकारी के अनुसार, भाजपा कोटे में 10 आयोग का अध्यक्ष पद गया है, बाकी जेडीयू के खाते में है. वहीं विभिन्न आयोगों में सदस्यों की हिस्सेदारी आधी-आधी होगी.
जेडीयू-भाजपा के नेता-कार्यकर्ता लंबे समय से कर रहे इंतजार
बता दें, बिहार में जनवरी 2024 में एनडीए की सरकार बनी. सरकार बनते ही पार्टी के कुछ विधायक-विधान पार्षद सरकार में मंत्री बन गए। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 आ गया. लेकिन खाली पड़े बोर्ड-निगम को भरा नहीं जा सका है. इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही थी कि भाजपा की तरफ से नाम की सूची सरकार को नहीं भेजी जा रही थी. इस वजह से देरी हो रही थी. वैसे...सितंबर 2024 में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में तब आस जगी थी, जब बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन हुआ था. इस आयोग में सत्ताधारी दल भाजपा-जेडीयू के छह नेताओं को जगह दी गई थी. तब कहा गया था कि एक-दो दिनों में खाली पड़े सभी बोर्ड-निगम आयोगों को भर लिया जाएगा. 9 सितंबर 2024 को बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल ने जेडी(यू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के साथ बंद कमरे में बैठक की थी. इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा था कि "सब कुछ तय हो चुका है। हम तैयार हैं। हम निगमों और बोर्डों के रिक्त पदों को भी बहुत जल्द भरेंगे।"
एनडीए सरकार बनते ही कई आयोग हुए थे भंग
जनवरी 2024 में सूबे में नई सरकार के गठन के ठीक बाद ही कई आयोगों को भंग कर दिया गया था. बिहार महिला आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जन जाति, अति पिछड़ा वर्ग आयोग, संस्कृत शिक्षा बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग, महादलित आयोग, मदरसा बोर्ड, नागरिक पर्षद, सवर्ण आयोग समेत कई अन्य आयोग खाली है. खाद्ध आयोग, पिछड़ा आयोग में भी सदस्य का पद खाली है. सरकार इन आयोगों में हमेशा राजनीतिक दल के नेताओं को ही नियुक्त करते आई है. यानि जिस दल की सरकार होती है, उस पार्टी के नेताओं को आयोग-निगम में एडजस्ट किया जाता है.