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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 01 Oct 2025 10:03:07 AM IST
Chirag paswan - फ़ोटो File photo
Bihar politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राज्य की राजनीति में हलचल तेज होती जा रही है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण साधने और सीट बंटवारे को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। ऐसे समय में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का रुख सुर्खियों में है। उन्होंने साफ कहा है कि अभी उन्होंने यह निर्णय नहीं लिया है कि वे खुद विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
चिराग ने स्पष्ट किया कि उनकी उम्मीदवारी पूरी तरह सीट बंटवारे पर निर्भर करेगी। उनका कहना है कि, “पहले यह साफ होना जरूरी है कि कितनी सीटों पर लोक जनशक्ति रामविलास चुनाव लड़ रही है। जब यह स्थिति स्पष्ट होगी, तभी यह भी तय हो जाएगा कि मैं स्वयं चुनाव मैदान में उतरूंगा या नहीं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस मामले पर अंतिम निर्णय पार्टी का केंद्रीय संसदीय बोर्ड ही करेगा। यानी चिराग ने गेंद पार्टी के फैसले और गठबंधन की स्थिति पर डाल दी है।
चिराग पासवान के इस बयान को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वे मौजूदा हालात में संतुलन साधने की कोशिश कर रहे हैं। यदि उन्हें और उनकी पार्टी को पर्याप्त सीटें मिलती हैं, तो उनके खुद चुनाव लड़ने की संभावना प्रबल होगी। वहीं, यदि सीट बंटवारे में उन्हें अपेक्षित हिस्सेदारी न मिलती है, तो वे गठबंधन में रहकर रणनीतिक सहयोग का रास्ता अपना सकते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि चिराग अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर बेहद सतर्क हैं। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी भी स्थिति में उनकी पार्टी का राजनीतिक अस्तित्व और स्वायत्तता बनी रहे।
चिराग पासवान ने पहले "बिहार बुला रहा है" जैसे नारे के साथ कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उत्साहित किया था। इससे यह संकेत भी मिला कि वे मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर सकते हैं। लेकिन समय के साथ उन्होंने अपने रुख में बदलाव किया और कहा कि फिलहाल नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और यदि गठबंधन बनता है तो वे नीतीश को ही इस पद पर बनाए रखने के पक्ष में हैं।
यह बयान राजनीतिक रूप से यह संकेत देता है कि चिराग गठबंधन की राजनीति में खुद को प्रासंगिक बनाए रखना चाहते हैं और साथ ही किसी बड़े टकराव से बचना भी चाहते हैं।
चुनावी चर्चाओं में चिराग पासवान के बहनोई और सांसद अरुण भारती का नाम भी उभर कर सामने आ रहा है। खबरों के मुताबिक, यदि चिराग स्वयं चुनाव मैदान में नहीं उतरते हैं, तो अरुण भारती को टिकट दिया जा सकता है।
सूत्र बताते हैं कि इसके लिए सिकंदारा सीट का नाम सबसे आगे चल रहा है। यह सीट वर्तमान में हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) पार्टी के विधायक प्रफुल्ल मांझी के पास है। यदि यह सीट एलजेपी (रामविलास) के खाते में आती है, तो अरुण भारती की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।