1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 02 Nov 2025 10:11:07 AM IST
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Mokama politics : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चा का केंद्र हैं बाहुबली नेता और जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह, जिन्हें शुक्रवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद से ही राजनीति और समर्थकों के बीच चर्चा तेज हो गई कि आखिर "छोटे सरकार" यानी अनंत सिंह को पुलिस ने कहां रखा है?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व विधायक और बाहुबली छवि वाले अनंत सिंह को पटना पुलिस ने एसएसपी सेल में रखा है। यह जगह आमतौर पर हाई प्रोफाइल और संवेदनशील मामलों से जुड़े आरोपियों के लिए ही आरक्षित होती है। मोकामा और आसपास के क्षेत्रों में अनंत सिंह की राजनीतिक और सामाजिक पकड़ देखते हुए, सुरक्षा के दृष्टिकोण से उन्हें इस विशेष सेल में रखा गया है, जहां 24 घंटे सीसीटीवी नजर रहती है और सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
अनंत सिंह की गिरफ्तारी से मोकामा की सियासत में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। चुनावी माहौल में इस तरह की कार्रवाई से न केवल जदयू कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हुई है, बल्कि विपक्ष भी इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। अनंत सिंह के समर्थक सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं और पूछ रहे हैं कि अचानक किस आधार पर "छोटे सरकार" को गिरफ्तार किया गया?
गौरतलब है कि अनंत सिंह को पहले भी कई मामलों में हिरासत में लिया जा चुका है, लेकिन हर बार उनका प्रभाव और लोकप्रियता कम नहीं हुई। इस बार भी गिरफ्तारी के साथ-साथ उनके समर्थकों की सक्रियता यह संकेत दे रही है कि अनंत सिंह की पकड़ अपने क्षेत्र पर अभी भी मजबूत है। कई समर्थक पटना के एसएसपी कार्यालय के बाहर उनकी रिहाई की मांग को लेकर जमा हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने हालांकि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहां सुरक्षा बढ़ा दी है।
माना जा रहा है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी से जदयू को नुकसान हो सकता है, क्योंकि उनका स्थानीय स्तर पर बड़ा जनाधार है। उनके खिलाफ कार्रवाई को कुछ लोग राजनीतिक साजिश के तौर पर भी देख रहे हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि यह गिरफ्तारी लंबित मामलों को लेकर की गई है और कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई होगी।
अब देखना होगा कि चुनावी मौसम में इस गिरफ्तारी के बाद मोकामा की राजनीति किस करवट लेती है। क्या अनंत सिंह जेल से ही चुनावी दांव चलेंगे, या फिर उनकी जगह कोई और चेहरा मैदान में उतरेगा? फिलहाल, सभी की नजरें एसएसपी सेल पर टिकी हैं, जहां "छोटे सरकार" को विशेष निगरानी में रखा गया है।