हजारों लोगों को नौकरी से निकालेगी Amazon, भारत के भी सैकड़ों कर्मचारियों पर गिरेगी गाज

Amazon: करीब 30,000 लोगों को नौकरी से निकालेगी अमेजन। AI अपनाने और लागत घटाने को लेकर उठाया जाएगा यह कदम। भारत में 800-1,000 कर्मचारी प्रभावित..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 29 Oct 2025 09:01:30 AM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Amazon: टेक जगत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लहर ने नौकरियों पर भारी संकट पैदा कर दिया है। ऐसे में अमेज़न ने अब अपनी सबसे बड़ी कॉर्पोरेट छंटनी का ऐलान किया, जिसमें 30,000 नौकरियां खत्म की जाएंगी। यह कंपनी के 3,50,000 कॉर्पोरेट कर्मचारियों का करीब 10% है और यह कदम AI को अपनाने, लागत कम करने तथा संचालन को तेज बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। कंपनी के सीईओ एंडी जैसी ने इसे "इंटरनेट के बाद सबसे बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन" बताया, जबकि सीनियर वीपी बेथ गैलेटी ने कहा कि यह रीस्ट्रक्चरिंग मंदी का संकेत नहीं, बल्कि डिजिटल बदलाव का हिस्सा है।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैश्विक छंटनी में भारत भी चपेट में है। इसमें अमेज़न इंडिया के 800-1,000 कॉर्पोरेट कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं। अमेज़न वेब सर्विसेज, डिवाइसेस एंड सर्विसेज, ऑपरेशंस, वीडियो गेम्स, सस्टेनेबिलिटी और कम्युनिकेशंस जैसे विभाग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। हालांकि, वेयरहाउस और डिलीवरी वर्कर्स पर असर कम होगा। प्रभावित कर्मचारियों को नई भूमिकाओं के लिए आवेदन करने के लिए 90 दिनों का समय दिया गया है , उसके बाद सेवरेंस पैकेज, आउटप्लेसमेंट सहायता और हेल्थ बेनिफिट्स मिलेंगे।


अमेज़न की यह कार्रवाई 2023 की 27,000 नौकरियों वाली छंटनी से भी बड़ी है। कंपनी का कहना है कि AI से कार्यक्षमता बढ़ेगी और ब्यूरोक्रेसी कम होगी, जिससे ग्राहकों के लिए तेज सेवाएं संभव होंगी। 2025 में अब तक 216 टेक कंपनियों ने 98,000 से अधिक नौकरियां काटी हैं, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट (15,000), TCS (20,000), इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा (कुल 10,000) शामिल हैं। बढ़ती ऑपरेटिंग लागत, धीमी रिटेल ग्रोथ और AI में अरबों डॉलर का निवेश इन कटौतियों की वजह हैं। फिर भी, अमेज़न का शेयर 1.3-1.5% ऊपर पहुंचा है, क्योंकि निवेशक लागत नियंत्रण से उत्साहित हैं।


अमेज़न ने स्पष्ट किया है कि AI, क्लाउड कंप्यूटिंग और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में हायरिंग जारी रहेगी, ताकि प्रतिभाओं को बनाए रखा जाए। जानकारों का मानना है कि ऑटोमेशन से रूटीन बैक-ऑफिस जॉब्स खत्म हो रही हैं, लेकिन नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। भारत जैसे बाजारों में यह बदलाव चुनौतीपूर्ण है, जहां अमेज़न के हजारों कर्मचारी हैं।