1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Oct 2025 12:31:17 PM IST
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central government employees : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार ने ग्रेच्युटी भुगतान के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने स्पष्ट किया है कि ₹25 लाख तक की ग्रेच्युटी सीमा केवल उन्हीं केंद्रीय सिविल कर्मचारियों पर लागू होगी, जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 या केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 के तहत आते हैं। यह बढ़ी हुई सीमा सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs), बैंकों, पोर्ट ट्रस्ट्स, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), स्वायत्त संस्थानों, विश्वविद्यालयों, राज्य सरकारों या समाजों से जुड़े कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी।
30 मई 2024 को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख कर दी थी। यह निर्णय 1 जनवरी 2024 से प्रभावी हुआ। यह बढ़ोतरी उस समय की गई जब महंगाई भत्ता (Dearness Allowance - DA) केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन का 50 प्रतिशत हो गया। नियमों के अनुसार, जब भी डीए 50% तक पहुंचता है, तो सभी भत्तों में 25% की वृद्धि की जाती है। उसी क्रम में सरकार ने सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की सीमा में भी वृद्धि की।
पेंशन विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि उसे लगातार कई RTI आवेदन और संदर्भ प्राप्त हो रहे थे, जिनमें पूछा जा रहा था कि क्या ₹25 लाख तक की ग्रेच्युटी सीमा बैंकों, पीएसयू, आरबीआई, पोर्ट ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों, स्वायत्त संस्थानों और राज्य सरकारों पर भी लागू होती है। इसलिए विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह नियम केवल केंद्रीय सिविल सेवकों पर लागू होते हैं और अन्य संगठनों जैसे कि समाज, बैंक, पोर्ट ट्रस्ट, आरबीआई, पीएसयू, स्वायत्त निकाय, विश्वविद्यालय और राज्य सरकारों पर लागू नहीं होते। साथ ही यह भी कहा गया है कि ऐसे संस्थानों से संबंधित किसी भी प्रश्न या नियम की जानकारी के लिए संबंधित मंत्रालय या विभाग से संपर्क किया जाना चाहिए।
केंद्रीय कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी ग्रेच्युटी सीमा और संबंधित नियमों के बारे में अपने संबंधित मंत्रालय या विभाग से संपर्क करें। यदि वे सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों, पोर्ट ट्रस्ट्स, आरबीआई, स्वायत्त संस्थानों, विश्वविद्यालयों, राज्य सरकारों या समाजों से जुड़े हैं, तो उन्हें संबंधित संस्थान के पेंशन या मानव संसाधन विभाग से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
इस बदलाव से केंद्रीय कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय अधिक वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, जबकि अन्य कर्मचारियों को अपने संस्थानों के नियमों के अनुसार ग्रेच्युटी का भुगतान मिलेगा।
यह निर्णय केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों की भलाई के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा।
अधिक जानकारी के लिए संबंधित मंत्रालय या विभाग से संपर्क किया जा सकता है।