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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 16 May 2025 08:36:07 AM IST
आज कोर्ट में अहम सुनवाई होगी - फ़ोटो Google
Supreme Court Waqf hearing: सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पूरे दिन सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ यह तय करेगी कि क्या इस कानून पर अंतरिम रोक लगाने की आवश्यकता है। हालांकि अदालत पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि 1995 के वक्फ अधिनियम के प्रावधानों पर रोक लगाने की मांग वाली किसी भी याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।
क्या है मामला?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाओं के जरिए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 और वक्फ अधिनियम 1995 के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, जो याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए, और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे हैं, दोनों ने 20 मई को सुनवाई की मांग की थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को निर्देश दिया कि वे 19 मई तक अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें।
विष्णु शंकर जैन की दलीलें
याचिकाकर्ता पक्ष से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 1995 और 2025 दोनों अधिनियमों की कुछ धाराएं असंवैधानिक हैं। उन्होंने विशेष रूप से वक्फ न्यायाधिकरण को निशाने पर लेते हुए इसे असंवैधानिक बताया और 30 मिनट का समय मांगा ताकि वह अपनी दलीलें रख सकें। इस पर पीठ ने पूछा कि ये धाराएं कब से अस्तित्व में हैं, जिस पर जैन ने कहा कि वे 1995 से मौजूद हैं और 2025 में संशोधित की गई हैं।
1995 के प्रावधानों पर रोक नहीं
पीठ ने स्पष्ट किया कि 1995 के वक्फ कानून के किसी भी प्रावधान को 2025 के संशोधन के साथ जोड़कर चुनौती देना स्वीकार नहीं किया जाएगा। “केवल इसलिए कि कोई व्यक्ति 2025 के कानून को चुनौती दे रहा है, इसका मतलब यह नहीं कि वह 1995 के कानून को भी चुनौती दे सकता है,” अदालत ने कहा।
सरकार का रुख
केंद्र सरकार की ओर से पहले ही हलफनामा दायर कर संशोधित वक्फ कानून 2025 का बचाव किया गया है। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और पंजीकृत वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा।
इससे पहले तत्कालीन सीजेआई संजय खन्ना, जो 13 मई को सेवानिवृत्त हो चुके हैं, की अध्यक्षता वाली पीठ ने वक्फ मामले की सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ अधिनियम को लेकर अब तक 100 से अधिक याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। कोर्ट ने इनमें से पांच याचिकाओं को मुख्य याचिका के रूप में मानते हुए बाकी को हस्तक्षेप आवेदन माना था।
क्या होगा आगे?
अब सबकी नजरें 20 मई को होने वाली मुख्य सुनवाई पर टिकी हैं। यदि कोर्ट आज अंतरिम आदेश जारी करता है तो वक्फ कानून से जुड़ी कानूनी और राजनीतिक बहस को एक नया मोड़ मिल सकता है।