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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 27 May 2025 09:09:13 AM IST
4. Omicron के ये नए वेरिएंट फैला रहे संक्रमण - फ़ोटो Google
COVID Comeback: भारत में एक बार फिर कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि, ICMR यानी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने सोमवार को ही बताया है कि भारत में मिल रहे कोविड 19 वेरिएंट्स की वजह से सिर्फ हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। साथ ही बताया है कि देश में ओमीक्रॉन के 4 सब वेरिएंट्स मिले हैं।
ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने सोमवार को कहा कि संक्रमण को लेकर गंभीरता की स्थिति अभी तक आमतौर पर हल्की है और चिंता की कोई बात नहीं है। कोविड के नए स्वरूपों का पता लगाए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि पश्चिम और दक्षिण में नमूनों के जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि कोविड विषाणु के नए स्वरूप (वेरिएंट) गंभीर नहीं हैं और वे ओमीक्रॉन के उप-स्वरूप हैं। इनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB. 1.8.1 शामिल हैं।
डॉ. बहल ने कहा कि पहले तीन उप-स्वरूप अधिक प्रचलित हैं। उन्होंने कहा, 'अन्य स्थानों से नमूनों का अनुक्रमण किया जा रहा है और हमें एक या दो दिन में पता चल जाएगा कि क्या और भी स्वरूप हैं।आईसीएमआर महानिदेशक ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में उछाल आया है और पहले दक्षिण से, फिर पश्चिम से और अब उत्तर भारत से इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों की निगरानी एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के माध्यम से की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आईसीएमआर का राष्ट्रव्यापी श्वसन वायरस प्रहरी निगरानी नेटवर्क उभरते संक्रमणों और रोगाणु जनकों (पैथोजन) पर नजर रख रहा है। बहल ने कहा, 'जब भी मामले बढ़ते हैं, हम तीन चीजों पर ध्यान देते हैं। यह तीन कारकों पर निर्भर करता है, पहला कि यह कितना संक्रामक है, इसके विपरीत मामले कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले हमने देखा कि कोविड के मामले दो दिनों में दोगुने हो जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।'
उन्होंने ये भी कहा, 'दूसरा, क्या नए स्वरूप हमारी पिछली प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा दे रहे हैं? जब नए वेरिएंट आते हैं, तो वे प्रतिरक्षा तंत्र को चकमा देते हैं - चाहे वह प्राकृतिक हो या टीकाकरण से बना हो। लेकिन फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा कि तीसरा कारक कोविड के कुल मामलों में गंभीर संक्रमणों का प्रतिशत है। बहल ने कहा, 'क्या हमें बिना किसी अन्य सहवर्ती रोग के बहुत गंभीर बीमारी हो रही है? अभी तक, गंभीरता आमतौर पर कम है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमें सतर्क रहना चाहिए और हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।'
डॉ. बहल ने संवाददाताओं को यह भी बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक और वह स्वयं भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, 'हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमें इस समय सतर्क रहना चाहिए, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है।'