1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Nov 2025 03:49:38 PM IST
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IAS officer news : आईएएस अधिकारी संतोष कुमार वर्मा विवादों में हैं। उनकी विवादित टिप्पणी को सामाजिक सौहार्द के लिए हानिकारक बताते हुए राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने साफ शब्दों में कहा है कि उनकी यह टिप्पणी सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने और समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने का प्रयास प्रतीत होती है।
23 नवंबर को मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के प्रांतीय अधिवेशन के दौरान संतोष वर्मा ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी। उन्होंने कहा, "परिवार में एक व्यक्ति को ही आरक्षण मिलना चाहिए, यह तब तक चले जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को न दे दे या उसके साथ रिश्ता न जोड़े।"
विभाग द्वारा जारी नोटिस में इस टिप्पणी को गंभीरता से लिया गया है। नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह बयान भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से अपेक्षित आचरण के विपरीत है और यह अखिल भारतीय सेवाओं (आचरण और अनुशासन) नियमों का उल्लंघन करता है। इसे अनुशासनहीनता, मनमानी और गंभीर कदाचार की श्रेणी में रखा गया है।
सभी भारत सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के नियम 10(1)(ए) के तहत जारी इस नोटिस में अधिकारियों ने कहा है कि यह टिप्पणी प्रथम दृष्टया सामाजिक सौहार्द को भंग करने और समुदायों के बीच आपसी वैमनस्य फैलाने का प्रयास है। संतोष वर्मा को नोटिस मिलने की तारीख से सात दिनों के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने का समय दिया गया है। उन्हें यह बताना होगा कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए। अगर वे निर्धारित समय के भीतर कोई जवाब नहीं देते हैं, तो विभाग एकतरफा उचित कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।
विवाद बढ़ने के बाद संतोष वर्मा ने अपनी सफाई पेश की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी समुदाय या धर्म का अपमान करने का कदापि नहीं था। उनका कहना है कि उनके पूरे भाषण से केवल एक पंक्ति को चुनकर प्रचारित किया गया, जिससे विवाद ने तूल पकड़ा। उन्होंने कहा, "यदि मेरे शब्दों से किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो इसके लिए मैं हृदय से क्षमा मांगता हूं।"
यह मामला अब अधिकारियों के जवाब पर निर्भर करता है। सामाजिक सौहार्द को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के बयानों पर निगरानी रखने वाली व्यवस्था ने इस घटना के जरिए यह संदेश देने का प्रयास किया है कि सार्वजनिक मंचों पर व्यक्तिगत टिप्पणियां सामाजिक संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं। संतोष वर्मा का जवाब आने के बाद ही इस मामले का अगला कदम तय होगा।