India Banded Places: कौन हैं भारत के वह 6 स्थान, जहां भारतीयों का जाना है पूरी तरह बैन? जानिए..

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 20 Dec 2025 10:19:09 PM IST

India Banded Places

प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

India Banded Places: भारत की पहचान सभी का स्वागत करने वाले बहुसांस्कृतिक देश के रूप में होती है। लेकिन कुछ ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिन्होंने इस धारणा पर सवाल खड़ा कर दिया है। देश के छह प्रमुख स्थानों पर भारतीयों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी राजनयिक समझौतों या विशिष्ट व्यापार नीतियों जैसे कारणों से कुछ क्षेत्रों में भारतीय नागरिकों की यात्रा पर पाबंदी है।


हालांकि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को देश में कहीं भी यात्रा करने और बसने का अधिकार देता है, लेकिन व्यवहार में कुछ "प्रतिबंधित क्षेत्र" मौजूद हैं। इनमें सुरक्षा कारणों से लागू क्षेत्रों के साथ-साथ निजी कंपनियों के विवादास्पद नियम भी शामिल हैं। आइए जानते हैं भारत के छह प्रमुख स्थानों के बारे में, जहां भारतीयों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित या सीमित है:


रेड लॉलीपॉप इन, चेन्नई

तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित यह होटल केवल विदेशी पर्यटकों के लिए है। यहां ठहरने के लिए आगंतुकों को अपना पासपोर्ट दिखाना अनिवार्य है। होटल प्रबंधन का कहना है कि यह सुविधा उन विदेशी पर्यटकों के लिए बनाई गई है जो पहली बार भारत आ रहे हैं।


गोवा के कुछ 'केवल विदेशियों के लिए' समुद्र तट

गोवा पर्यटन का स्वर्ग माना जाता है, लेकिन अरम्बोल जैसे कुछ समुद्र तट कथित तौर पर केवल विदेशी पर्यटकों के लिए हैं। यह व्यवस्था विदेशी पर्यटकों को अवांछित निगाहों से बचाने के उद्देश्य से बनाई गई है।


फ्री कसोल कैफे, कसोल (हिमाचल प्रदेश)

हिमाचल प्रदेश के कसोल में स्थित यह कैफे केवल इजरायली पर्यटकों के लिए खुला है। सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हुई कि भारतीय मूल के लोगों को मेनू मांगने पर मना किया गया।


ब्रॉड लैंड्स होटल, चेन्नई

यह ब्रिटिश शैली का होटल मुख्य रूप से विदेशी पर्यटकों को प्राथमिकता देता है। हालांकि कोई आधिकारिक प्रतिबंध नहीं है, लेकिन अधिकांश ग्राहक विदेशी ही होते हैं। भारतीयों को पहचान पत्र दिखाने और प्रवेश नियमों का पालन करने की आवश्यकता होती है।


सकुरा रयोकान रेस्टोरेंट, अहमदाबाद

अहमदाबाद स्थित यह जापानी रेस्टोरेंट भारतीयों के लिए प्रवेश वर्जित का बोर्ड लगा रखता है। मालिक का कहना है कि स्टाफ हिंदी या अंग्रेजी नहीं बोलता, इसलिए सेवा केवल जापानी ग्राहकों के लिए प्राथमिकता है।


रूसी उपनिवेश, कुडनकुलम (तमिलनाडु)

कुडनकुलम में स्थित यह उपनिवेश रूसियों द्वारा 1800 के दशक में बनाया गया था और बाद में सुरक्षा कारणों से संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। भारतीय नागरिक बिना रूसी दूतावास से विशेष अनुमति के इसमें प्रवेश नहीं कर सकते।


ये स्थान भारत की "सभी का स्वागत करने वाले देश" की छवि पर सवाल उठाते हैं। सुरक्षा, संस्कृति और व्यापार के नाम पर लगाए गए प्रतिबंध समानता और सहिष्णुता पर नई बहस छेड़ते हैं। भारतीयों का अपने ही देश के कुछ स्थानों पर प्रवेश न कर पाना कई सामाजिक और राजनीतिक प्रश्न खड़े करता है।