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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 07 May 2025 03:14:51 PM IST
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Indian Constitution War Law: दुनिया के कई देशों में युद्धकाल के दौरान सरकारों को यह अधिकार प्राप्त होता है कि वे आम नागरिकों को सेना में शामिल होने के लिए बाध्य कर सकें। इसे अनिवार्य सैन्य सेवा (Compulsory Military Service) कहा जाता है। इस व्यवस्था के तहत एक तय उम्र के युवाओं को सेना की सेवा देनी होती है, चाहे वे स्वेच्छा से इच्छुक हों या नहीं।
भारत में वर्तमान में कोई ऐसा कानून नहीं है जो अनिवार्य सैन्य सेवा को लागू करता हो। भारतीय सेना में शामिल होना पूरी तरह स्वैच्छिक है। लेकिन संविधान और कानूनों के अनुसार, अगर देश पर गंभीर खतरा हो या युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाए, तो केंद्र सरकार को यह अधिकार प्राप्त है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर नागरिकों को सेना में शामिल होने के निर्देश दे सके।
बता दे कि भारत में आम नागरिकों को जबरदस्ती युद्ध में भेजने यानी "अनिवार्य सैन्य सेवा" (Compulsory Military Service) का कोई स्थायी या नियमित कानून नहीं है। अभी तक भारत में सेना में भर्ती पूरी तरह से स्वैच्छिक (voluntary) है। यानी जो नागरिक अपनी इच्छा से सेना में शामिल होना चाहते हैं,
वही भर्ती होते हैं।लेकिन, भारतीय संविधान और रक्षा कानूनों के तहत आपातकाल (Emergency) या युद्ध की स्थिति में सरकार को यह अधिकार मिल सकता है कि वह कुछ उम्र के नागरिकों को सेना में शामिल होने के लिए बाध्य करे।