बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: बिहार के इस नक्सल प्रभावित इलाके में 73 साल बाद होगी वोटिंग, चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह ब्रजेश ऑटोमोबाइल्स महिन्द्रा ने रचा नया कीर्तिमान, सितम्बर-अक्टूबर में 2035 वाहनों की डिलीवरी Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी Pankaj Tripathi Mother Death: एक्टर पंकज त्रिपाठी की मां का निधन, हेमवती देवी ने 89 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 30 Jan 2025 07:32:23 AM IST
Mahakumbh stampede 2025 : - फ़ोटो google
Mahakumbh stampede 2025 : महाकुंभ के दूसरे और सबसे बड़े पर्व मौनी अमावस्या पर ब्रह्ममुहूर्त से र्पू्व मंगलवार की देर रात लगभग डेढ़ बजे संगम नोज पर भगदड़ मच गई। हादसे में घायल 90 श्रद्धालुओं को अस्पताल भेजा गया। इनमें 30 की मौत हो गई। मृतकों में 25 की शिनाख्त हो सकी है, जबकि पांच अभी अज्ञात हैं। लेकिन इसके बाद जो सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है वह यह है कि इस हादसे की असली या कहें की मुख्य वजह क्या थी ?
दरअसल, प्रशासन ने मौनी अमावस्या पर आठ से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान खुद ही लगाया था तो सवाल यह उठता है कि फिर उसके इंतजाम व्यापक स्तर पर करने चाहिए थे। पुलिस और प्रशासनिक अफसर तैयारी का दावा करते रहे लेकिन जरा सी चूक के कारण हादसा हो गया। दरअसल, कैसे फेल हुआ सिस्टम?आईए जानते हैं प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के 5 बड़े कारण
सबसे पहले भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 84 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। जिनका इस्तेमाल शायद नहीं किया गया। वहीं काली मार्ग पार्किंग और अन्य स्थानों पर जब श्रद्धालु मंगलवार रात में बैठे थे तो उन्हें रात आठ बजे के बाद ही संगम की ओर भेजना शुरू कर दिया गया। ऐसे में संगम पर रेला रात नौ बजे से उमड़ा जो अमृत स्नान के लिए बैठा रह गया।
हर स्नान के लिए वन वे प्लान बनाया गया था। यानी काली सड़क से त्रिवेणी बांध पार कर संगम अपर मार्ग से श्रद्धालु संगम नोज जाएंगे और अक्षयवट मार्ग से त्रिवेणी बांध के रास्ते त्रिवेणी मार्ग से बाहर निकालना था। लेकिन यह प्लानफेल दिखा। अक्षयवट मार्ग बहुत कम लोग गए। संगम अपर मार्ग पर लोगों का आना-जाना बना रहा।
इसके अलावा मेला क्षेत्र में 30 पांटून पलों का निर्माण इसलिए किया गया कि आवागमन सुगम हो। लेकिन 12 से 13 पांटून पुलों को हमेशा बंद रखा गया। ऐसे में झूंसी की ओर से अगर कोई संगम आता है तो कई किलोमीटर उसे चलना होता है। अधिकांश बुजुर्ग यात्री थक जाते हैं जो संगम नोज पर काफी देर बैठ जाते हैं। इससे संगम पर भीड़ जमा होती रही।
महाकुंभ में सड़कों को खूब चौड़ा किया गया, लेकिन उन सड़कों को अधिकांश समय बंद रखा गया। इसके साथ ही प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी गई। इसके कारण श्रद्धालुओं को लागतार चलना पड़ा। ऐसे में लोग थक गए और संगम किनारे पहुंचकर बैठ गए और फिर बाहर जल्दी नहीं निकलते। यह भी संगम पर भीड़ रहने का कारण बना।
इधर, राहत और बचाव कार्य के लिए तमाम बल तैनात रहे। लेकिन सभी को अलग-अलग सेक्टरों में नहीं बसाया गया। सीआईएसएफ की कंपनी को सेक्टर नंबर 10 में ठहराया गया। रात में जब हादसा हुआ और कंपनी को बुलाया गया पर भीड़ में सेक्टर तीन तक आने में काफी समय लग गया। जिससेे स्थित और खराब हुई।किन जरा सी चूक के कारण हादसा हो गया।