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मुंबई लोकल ट्रेन में 'मराठी बनाम हिंदी' विवाद: मराठी नहीं बोलने पर महिलाओं के दो गुटों में झड़प

मुंबई लोकल ट्रेन में मराठी नहीं बोलने पर महिलाओं के दो समूहों में तीखी बहस हो गई। विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामला ‘मराठी बनाम हिंदी’ विवाद से जुड़ा है, जिसे लेकर राज्य में राजनीति भी गरमा गई है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 20 Jul 2025 06:19:52 PM IST

MAHARASTRA

वीडियो वायरल - फ़ोटो GOOGLE

Marathi vs Hindi: महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिन्दी भाषा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसे लेकर खूब सियासत भी हो रही है। भाषा का विवाद अब ट्रेन तक पहुंच गया है। मराठी नहीं बोलने पर मुंबई लोकल ट्रेन में महिलाएं आपस में भिड़ गई। मामला शुक्रवार की शाम की है जब मुंबई की एक लोकल ट्रेन के महिला डिब्बे में इसी विवाद ने नया मोड़ ले लिया.मराठी नहीं बोलने पर दो महिलाओं के समूहों के बीच तीखी बहस हो गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे पूरे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मच गई है।


ट्रेन में क्या हुआ?

घटना मुंबई की सेंट्रल रेलवे लाइन पर चलने वाली एक लोकल ट्रेन में हुई। रोज की तरह ट्रेन के लेडीज कोच में भीड़ थी। इसी दौरान सीट को लेकर शुरू हुई एक छोटी सी बहस ने अचानक भाषा विवाद का रूप ले लिया। वायरल वीडियो के अनुसार, एक महिला को दूसरे समूह की महिलाओं द्वारा मराठी में बात करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। जब उसने ऐसा करने से इनकार किया, तो उसे 'मुंबई छोड़ने' तक की बात कही गई। वीडियो में एक महिला गुस्से में कहती हुई सुनाई देती है कि 'मुंबई में रहना है तो मराठी बोलो, वरना बाहर निकलो।" इसके बाद महिला यात्रियों के दो गुटों में जोरदार बहस शुरू हो गई। ट्रेन में मौजूद अन्य महिलाएं बीच-बचाव करती दिखीं, लेकिन बहस रुकने का नाम नहीं ले रही थी। हालाँकि, घटना में किसी प्रकार की हिंसा की पुष्टि नहीं हुई है।


रेलवे की प्रतिक्रिया

रेलवे अधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए घटना की पुष्टि की है और बताया कि यह झगड़ा मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाली एक लोकल ट्रेन में हुआ था। अधिकारियों के अनुसार, अब तक किसी भी पक्ष ने इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन वायरल वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों से महाराष्ट्र में "मराठी बनाम हिंदी" विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) सहित कई क्षेत्रीय दल मराठी भाषा को लेकर आंदोलन चला रहे हैं और राज्य में "मराठी अस्मिता" की रक्षा की बात कह रहे हैं।


इससे पहले भी कुछ घटनाओं ने इस मुद्दे को हवा दी है। विक्रोली, मुंबई में एक दुकानदार को कथित तौर पर MNS कार्यकर्ताओं ने इसलिए पीटा क्योंकि उसने व्हाट्सएप स्टेटस में "मराठी विरोधी" पोस्ट किया था। ठाणे में एक फूड स्टॉल मालिक को मराठी न बोलने पर मारा गया, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। मीरा रोड और मलाड में भी इसी तरह के भाषा-आधारित हमले सामने आ चुके हैं।


एक ऑटो रिक्शा चालक के साथ भी भाषा को लेकर मारपीट की घटना हुई थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी निकाय चुनावों को देखते हुए कुछ पार्टियाँ मराठी अस्मिता के मुद्दे को हवा दे रही हैं। मुंबई जैसे महानगर में जहां विभिन्न भाषाओं और समुदायों के लोग एक साथ रहते हैं, इस तरह की घटनाएं सामाजिक समरसता को चोट पहुंचा सकती हैं। लोकल ट्रेन, जिसे ‘मुंबई की जीवनरेखा’ कहा जाता है, हमेशा से हर वर्ग और भाषा-समूह के लोगों के मेल-जोल की जगह रही है। भाषा को लेकर इस तरह की घटनाएं जहां एक ओर राजनीतिक फायदा पहुंचाने का साधन बन रही हैं, वहीं दूसरी ओर आम जनता के बीच तनाव बढ़ा रही हैं।