1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Nov 2025 03:26:52 PM IST
- फ़ोटो GOOGLE
Gen-Z Protest in Nepal: नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और युवा आंदोलनों की संवेदनशील स्थिति लगातार बनी हुई है। बारा जिले के सेमरा एयरपोर्ट के बाहर Gen-Z आंदोलन रविवार को फिर भड़क उठा, जिसमें युवाओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह आंदोलन पिछले कुछ महीनों से नेपाल में युवा वर्ग की राजनीतिक जागरूकता, पारदर्शिता, रोजगार और शासन सुधार जैसी मांगों को लेकर चल रहा है। आंदोलनकारियों का गुस्सा इस बार UML नेता महेश बस्नेत के खिलाफ केंद्रित था। आरोप है कि बस्नेत ने पहले हुए Gen-Z आंदोलन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का समर्थन किया था, जिससे युवाओं में असंतोष और नाराजगी बढ़ गई है।
स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से तत्काल कार्रवाई करते हुए कर्फ्यू लागू कर दिया और सेमरा एयरपोर्ट से सभी उड़ानों को रद्द कर दिया। इससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह कदम जनहित और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनिवार्य था। एयरपोर्ट के अलावा जीवपुर क्षेत्र और आसपास के मुख्य मार्गों में भी विशेष सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं।
वहीं, परिस्थिती को देखते हुए प्रशासन अलर्ट जारी किया है और निर्देश भी जारी करते हुए कहा है कि कर्फ्यू आज दिनांक 2082.10.08 (नेपाल संवत) यानी 20.11.25 से सुबह 6:00 बजे से अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। आदेश के अनुसार, कर्फ्यू अवधि में कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति घर से बाहर नहीं निकल सकता, और सभा, जुलूस या विरोध प्रदर्शन करना सख्त मना है। कर्फ्यू के दायरे में विप्रनाथ–पश्चिमी सड़क खंड से जीवपुर पुल तक दोनों दिशाओं में 500 मीटर क्षेत्र शामिल है, जबकि सिमरा हवाईअड्डा परिसर के 500 मीटर के दायरे में पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
कर्फ्यू के दौरान केवल अत्यावश्यक सेवाओं को आवागमन की अनुमति होगी। इसमें एम्बुलेंस, दमकल, शव वाहन, स्वास्थ्यकर्मी, पत्रकार, पर्यटन सेवा वाहन, मानवाधिकारकर्मी और हवाईअड्डे से टिकट धारक यात्रियों को शामिल किया गया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Gen-Z आंदोलन नेपाल में युवाओं के बीच राजनीतिक सक्रियता का प्रतीक बन गया है। हाल के महीनों में यह आंदोलन कई जिलों में फैल चुका है और कई बार हिंसक मोड़ भी ले चुका है। युवा वर्ग की नाराजगी मुख्य रूप से राजनीतिक पारदर्शिता और युवाओं के अधिकारों की सुरक्षा से जुड़ी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन समय पर कड़े कदम नहीं उठाता, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
नेपाल में युवा आंदोलनों की बढ़ती सक्रियता राजनीतिक दलों के लिए चुनौती बन गई है। Gen-Z आंदोलन में शामिल लोग सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से लगातार अपनी मांगों को आवाज दे रहे हैं। वहीं, UML नेता महेश बस्नेत की भूमिका पर सवाल उठाने वाले युवा लगातार यह मांग कर रहे हैं कि पूर्व में सत्ता पक्ष का समर्थन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए।
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। सड़क मार्ग और एयरपोर्ट के आसपास ड्रोन निगरानी और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। अधिकारी यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि आवश्यक सेवाओं में किसी तरह की रुकावट न आए और आम जनता को न्यूनतम असुविधा का सामना करना पड़े।
इस आंदोलन के दौरान सुरक्षा एजेंसियां लगातार स्थिति का आकलन कर रही हैं और प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों में सुरक्षित रहें। साथ ही, यह भी कहा गया है कि कर्फ्यू के नियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है, ताकि किसी तरह की हिंसा या अप्रिय घटना से बचा जा सके।