शराबी पति ने घरेलू विवाद के बाद टांगी से पत्नी को काट डाला, आरोपी को पुलिस ने दबोचा Bihar Election 2025: पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का किया बहिष्कार, बोले- BLO को गांव में नहीं घुसने दें Bihar Election 2025: पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का किया बहिष्कार, बोले- BLO को गांव में नहीं घुसने दें Heavy Rain Alert: अगले 2-3 घंटे बिहार के इन जिलों में होगी तेज बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट Bihar Transport: कौन साहेब हैं..पूजा मैडम ! मैं बोल रही की अभी तक दो महीने का मिला नहीं है...ऐसे नहीं चलेगा, महिला मोटरयान निरीक्षक और वसूली गैंग के बीच क्या हुई बातचीत Bihar Land Mutation: बिहार में जमीन दाखिल-खारिज के नियम बदले, जानिए.. राजस्व विभाग का नया आदेश Bihar Land Mutation: बिहार में जमीन दाखिल-खारिज के नियम बदले, जानिए.. राजस्व विभाग का नया आदेश Bihar News: जमीनी विवाद में 2 पक्षों के बीच हिसंक झड़प, 9 से अधिक लोग घायल Bihar: बेगूसराय में बेखौफ अपराधियों की करतूत, बच्चों के झगड़े के बाद त्रिशूल से बुजुर्ग की हत्या Bihar News: कैदियों से यह काम करवाने जा रही बिहार सरकार, बदले में देगी पैसे
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 03 Jul 2025 11:16:10 AM IST
ओम बिरला के मसूरी दौरे पर विवाद - फ़ोटो GOOGLE
OM Birla DM Controversy: हाल ही में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला मसूरी गए थे, लेकिन वहां उन्हें मिलने वाले प्रशासनिक समर्थन को लेकर प्रोटोकॉल विभाग ने सवाल उठाए हैं। आरोप है कि डीएम साविन बंसल ने स्पीकर के दौरे में आवश्यक प्रोसेक्शन, सवारी इंतजाम, कॉल रिस्पॉन्स आदि में लापरवाही बरती है। साथ ही जब बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गई, तब जवाब नहीं आया। यहां बताया जा रहा है कि किसी कार्यक्रम की सूचना तक समय पर नहीं दी गई, जिससे टीम को तैयारी का समय नहीं मिला।
दरअसल, प्रोटोकॉल विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने एक चिट्ठी लिखा हैं, जिसमें कहा गया है कि स्पीकर के दौरे के दौरान डीएम ने नियमों का पालन नहीं किया, और आवश्यक सहयोग कहीं भी नहीं दिखा। कहा गया कि “उन्हें जो मदद चाहिए थी, वो भी स्वयं नहीं मिली”। बाद में जब स्पीकर कार्यालय ने खुद मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया, तब जाकर डीएम टीम सक्रिय हुई।
उत्तराखंड सरकार ने खुद इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए डीएम से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा है। लोक सचिवालय से भी पत्र भेजा गया, जिसमें साफ कहा गया है कि डीएम ने कई बार कॉल रिस्पॉन्स तक नहीं किया था। स्थिति अब केंद्र सरकार के सिरे पर पहुंच चुकी है। इस मामले में डीएम साविन बंसल का कहना है, “इस मामले पर चर्चा हो चुकी है, मैं और अधिक कुछ बता नहीं सकता।” उन्होंने सहमति दी कि बातचीत हुई है, लेकिन बाकी विवरण फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया जा सकते।
यह पहली बार नहीं है जब अधिकारियों को प्रोकोल मैनेजमेंट के कारण आलोचना झेलनी पड़ी हो। उदाहरणस्वरूप, न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के महाराष्ट्र दौरे के दौरान भी कहा गया था कि “प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ था“, जिससे उस समय भी गलाफती हो चुकी थी। प्रोटोकॉल विभाग डीएम का स्पष्टीकरण मिलने तक इंतज़ार करेगा, उसके बाद जांच के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। क्या डीएम भूमिका से हटाए जाएंगे, नोटिस जारी किया जाएगा या कोई सुधारात्मक प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्र–राज्य स्तर पर आलोचना बढ़ने से विभागीय प्रक्रिया भी तेज हो सकती है।