चार पीढ़ियों से देशसेवा की परंपरा निभा रहा प्रियंका का परिवार, वायुसेना में बनीं अफसर

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की प्रियंका भारतीय वायुसेना में अफसर बनी हैं। उनके दादा 1971 की जंग लड़ चुके हैं, जबकि परदादा, पिता और चाचा भी सेना में सेवा दे चुके हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Dec 2025 06:26:39 PM IST

उत्तराखंड

चौथी पीढ़ी की अफसर - फ़ोटो सोशल मीडिया

DESK: देशसेवा की मिसाल पेश करता उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का एक परिवार सुर्खियों में है। देवलथल क्षेत्र के लोहाघाट की रहने वाली प्रियंका भारतीय वायुसेना में अफसर बन गई हैं। खास बात यह है कि प्रियंका अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं, जो देश की रक्षा में सेवाएं देंगी। उनके दादा 1971 की ऐतिहासिक जंग में हिस्सा ले चुके हैं, जबकि परदादा, पिता और चाचा भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं।


प्रियंका के वायुसेना में अफसर बनने की खबर मिलते ही परिवार और पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। गांव में लोग इसे गर्व का क्षण बता रहे हैं। प्रियंका ने वायुसेना की सामान्य प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए ऑल इंडिया 27वीं रैंक प्राप्त की है।


 प्रियंका ने बताया कि वायु सेना की परीक्षा में ऑल इंडिया 27वां रैंक हासिल किया है। अब वह चार साल तक एयरफोर्स अकादमी डुंडीगल हैदराबाद में प्रशिक्षण लेंगी। उन्होंने कहा कि सेना की वर्दी उनके लिए सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि परंपरा और गर्व का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि अपने परिवार की लगातार चौथीं पीढ़ी की सदस्य होगी जो अब देशसेवा करेगी।


प्रियंका ने बताया कि उनके परदादा हरक सिंह कन्याल और दादा दरबान सिंह कन्याल भारतीय सेना में रहकर देशसेवा कर चुके हैं। दादा दरबान सिंह कन्याल सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे और उन्होंने वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी भाग लिया था। वहीं उनके पिता किशन सिंह कन्याल भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं, जबकि चाचा पुष्कर सिंह कन्याल सेना से सेवानिवृत्त हैं।


प्रियंका ने बताया कि बचपन से ही परिवार के सदस्यों को सेना की वर्दी में देखकर उनके मन में भी देशसेवा का जज्बा पैदा हुआ। उन्होंने गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वायुसेना की तैयारी शुरू की और आज उसी का परिणाम है कि वह अफसर बनी हैं। प्रियंका की इस उपलब्धि से न सिर्फ उनका परिवार बल्कि पूरा क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है। यह कहानी नई पीढ़ी के लिए देशभक्ति और समर्पण की प्रेरणास्रोत बन गई है।