Mokama Assembly : अनंत सिंह के लिए मोकामा में CM नीतीश कुमार करेंगे चुनाव प्रचार ! इलाके में तेज हुई चर्चा;कितना बदल सकता है समीकरण Bihar Crime News: बिहार में आपसी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, युवक की चाकू गोदकर हत्या, आरोपी फरार Bihar Election 2025: ‘मोदी का सीना 112 इंच का, पांच घंटे में पाकिस्तान पर कब्जा कर लेते’, राहुल-तेजस्वी को मांझी का जवाब Bihar Election 2025: ‘मोदी का सीना 112 इंच का, पांच घंटे में पाकिस्तान पर कब्जा कर लेते’, राहुल-तेजस्वी को मांझी का जवाब Suspension Review Bihar : विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार पुलिस का बड़ा फैसला, निलंबित कर्मियों को मिल सकती है राहत; जारी हुआ आदेश FASTag KYV Process: NHAI ने FASTag यूजर्स के लिए KYV प्रक्रिया को किया आसान, जानिए क्या है नया नियम और कैसे करें वेरिफिकेशन? JEE Main 2026: जेईई मेन की परीक्षा के लिए आवेदन शुरु, जानें कैसे करें रजिस्ट्रेशन? Bihar election : अनंत सिंह के प्रचार करने पर तेजस्वी ने उठाए सवाल,कहा -थाने के सामने FIR में नामजद शक्स कर रहा चुनावी प्रचार; यह कैसा सुशासन Bihar Election 2025: मोकामा हत्याकांड के बाद सख्त हुआ चुनाव आयोग, लाइसेंसी हथियार जब्त करने के निर्देश Bihar Election 2025: मोकामा हत्याकांड के बाद सख्त हुआ चुनाव आयोग, लाइसेंसी हथियार जब्त करने के निर्देश
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 25 Apr 2025 10:27:19 PM IST
- फ़ोटो google
pahalgam terror attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने देशभर के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। आतंकी हमले में घूमने आए 26 पर्यटकों की मौत हो गयी। इस हमले ने न केवल परिवारों को उजाड़ा बल्कि कई लोगों के जीवन में गहरे बदलाव भी ला दिए। ऐसी ही एक कहानी मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले श्यामलाल निनोरी की है, जिन्होंने इस हमले से व्यथित होकर अपना जीवन पूरी तरह बदल लिया।
श्यामलाल निनोरी पिछले 40 वर्षों से इंदौर के ग्वालियर ऑयल मिल की जमीन पर बनी सैयद निज़ामुद्दीन की दरगाह की सेवा कर रहे थे। इतने लंबे समय तक मुस्लिम समुदाय के साथ जुड़कर काम करने के कारण स्थानीय लोगों ने उन्हें 'शहाबुद्दीन' नाम दे दिया और उन्होंने भी यह पहचान स्वीकार कर ली। वे मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार रोजा रखते, नमाज़ पढ़ते और उर्स जैसे धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। क्षेत्रीय लोग उन्हें “दरगाह वाले बाबा” के नाम से जानते थे।
लेकिन 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले ने अचानक इनके मन को परिवर्तित कर दिया। पहलगाम आतंकी हमले में हिंदू तीर्थयात्रियों की बेरहमी से की गई हत्या ने श्यामलाल के अंतर्मन को ऐसा झकझोर दिया कि इस घटना के बाद उन्होंने अपने जीवन की दिशा बदलने का निर्णय लिया। श्यामलाल ने अपने मूल हिंदू धर्म में “घर वापसी” का ऐलान कर दिया।
श्यामलाल ने इस बदलाव को केवल निजी भावना तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने दरगाह परिसर में वर्षों से चल रही कव्वाली की परंपरा को बदलते हुए वहां सुंदरकांड पाठ का आयोजन करवाया। यह आयोजन पहलगाम हमले में मारे गए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से किया गया था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और क्षेत्रीय पार्षद जीतू यादव भी उपस्थित रहे।
यह मामला तब और चर्चा में आ गया जब कुछ समय पहले इसी दरगाह परिसर को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पार्षद जीतू यादव श्यामलाल को अवैध कब्जे और बिना अनुमति धार्मिक आयोजन को लेकर फटकारते नजर आए थे। लेकिन उसी पार्षद की पहल पर अब श्यामलाल ने ना केवल धार्मिक परिवर्तन किया, बल्कि दरगाह में हिंदू धार्मिक कार्यक्रम भी करवाया।
इस पूरे घटनाक्रम ने इलाके में चर्चा का विषय बना दिया है। कुछ लोग इसे आत्मिक परिवर्तन मान रहे हैं, तो कुछ इसे सामाजिक या राजनीतिक प्रभाव की परिणति बता रहे हैं। लेकिन एक बात साफ है कि पहलगाम की त्रासदी ने न केवल देश को रुलाया, बल्कि कई लोगों की सोच और जीवन की दिशा भी बदल दी।