1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 18 Dec 2025 11:49:11 AM IST
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Ram Sutar: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर इतिहास रचने वाले देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार का बुधवार, 17 दिसंबर को निधन हो गया। उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे राम सुतार ने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उन्होंने अपने जीवन के 100 वर्ष पूरे किए थे। कहा जाता है कि वे जिस पत्थर को छू लेते थे, वह अद्भुत कलाकृति में बदल जाता था।
राम सुतार के निधन की पुष्टि उनके पुत्र अनिल सुतार ने की। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने बुधवार देर रात अपने घर पर अंतिम सांस ली। राम सुतार का जन्म वर्ष 1925 में महाराष्ट्र के गोंदूर गांव में हुआ था, जो वर्तमान में धुले जिले के अंतर्गत आता है। बचपन से ही उन्हें कला से गहरा लगाव था।
उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित जेजे स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने भारतीय मूर्तिकला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। राम सुतार ने अपने जीवन में कई ऐसी अमर कलाकृतियों का सृजन किया, जिन्हें सदियों तक याद किया जाएगा।
संसद परिसर में ध्यानमग्न मुद्रा में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा, घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ उनके प्रमुख कार्यों में शामिल हैं। राम सुतार के नाम दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया था।
उनकी कला के लिए उन्हें वर्ष 1999 में ‘पद्म श्री’ और 2016 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। हाल ही में उन्हें महाराष्ट्र के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘महाराष्ट्र भूषण’ से भी नवाजा गया था।