Sydney Terror Attack: सिडनी हमले में बाल-बाल बचे इंग्लैंड के पूर्व कप्तान, इस शख्स का किया धन्यवाद

Sydney Terror Attack: 14 दिसंबर को सिडनी के बोंडी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले में 12 लोगों की मौत, 29 घायल। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माइकल वॉन भी बाल-बाल बचे..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Dec 2025 08:16:59 AM IST

Sydney Terror Attack

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Sydney Terror Attack: सिडनी के मशहूर बोंडी बीच पर 14 दिसंबर को एक भयानक आतंकी हमला हुआ, यह हनुक्का उत्सव को निशाना बनाकर किया गया। दो हमलावरों ने कैम्पबेल परेड के पास गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कम से कम 12 लोग मारे गए और 29 घायल हो गए हैं। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने इसे आतंकी घटना घोषित किया है, क्योंकि यह सिडनी की यहूदी कम्युनिटी को लक्ष्य करके किया गया था। हमलावरों में से एक को पुलिस ने मार गिराया, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। इस घटना में एक रब्बी समेत कई निर्दोष लोग शिकार बने।


इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और मौजूदा कमेंटेटर माइकल वॉन इस हमले के समय बोंडी में थे। एशेज सीरीज कवरेज के लिए ऑस्ट्रेलिया में मौजूद वॉन को एक रेस्टोरेंट में छिपकर अपनी जान बचानी पड़ी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया “बोंडी के एक रेस्टोरेंट में बंद हो जाना बहुत डरावना था। अब सुरक्षित घर पहुंच गया हूं, लेकिन इमरजेंसी सर्विसेज और उस शख्स का शुक्रिया जो आतंकवादी से भिड़ा। प्रभावित लोगों के साथ मेरी संवेदनाएं।” वॉन की यह पोस्ट वायरल हो गई और फैंस ने उनकी सलामती पर राहत की सांस ली है।


यह हमला ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय बाद सबसे घातक घटनाओं में से एक है। न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने इसे “यहूदी कम्युनिटी पर लक्षित हमला” बताया है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इसे “भयानक आतंकवाद” करार दिया। दुनिया भर से निंदा की बयान आए, जिसमें इजरायल, अमेरिका और भारत के नेता शामिल हैं। एक सिविलियन की बहादुरी की भी तारीफ हो रही है, जिसने हमलावर से हथियार छीनने की कोशिश की।


यह घटना सिडनी की यहूदी कम्युनिटी के लिए बड़ा झटका है, हनुक्का के पहले दिन शांतिपूर्ण उत्सव मना रहे किसी भी यहूदी ने नहीं सोचा होगा कि ऐसा कुछ हो जाएगा। पुलिस जांच जारी है और शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। क्रिकेट जगत से भी संवेदना के संदेश आ रहे हैं, क्योंकि वॉन जैसे कई और कमेंटेटर भी ऑस्ट्रेलिया में हैं। यह दुखद घटना वैश्विक स्तर पर एंटी-सेमिटिज्म के खिलाफ चेतावनी है।