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जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण

परिवार के आठ सदस्यों ने हिन्दू युवा वाहिनी के सहयोग से वैदिक रीति-रिवाजों के साथ ‘घर वापसी’ कार्यक्रम के तहत हिन्दू धर्म में वापसी की।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 01 May 2025 09:22:09 PM IST

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8 मुसलमानों ने किया धर्म परिवर्तन - फ़ोटो google

UP NEWS: पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने हिन्दुस्तान में रह रहे पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने को कहा था। उन्हें अपने देश में जाने का निर्देश दिया था। भारत में रह रहे पाकिस्तानी इस आदेश के बाद अपने देश जा भी रहे हैं तो वही कुछ लोग वहां जाने से कतरा रहे हैं। कह रहे हैं कि मर जाएंगे मिट जाएंगे लेकिन भारत को छोड़कर पाकिस्तान नहीं जाएंगे। इन सबके बीच बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मथुरा से धर्म परिवर्तन की खबर आ रही है।


जहां 8 मुसलमानों ने वैदिक विधि से हिन्दू धर्म को अपना लिया है। ये लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण और हवन के साथ इन सबका शुद्धिकरण किया गया। हिन्दू युवा वाहिनी ने इसका आयोजन किया। जिसके बाद कल तक जिसे लोग जाकिर कहकर पुकारते थे उसे अब नया नाम जगदीश दे दिया गया है। जाकिर से जगदीश की तरह और भी 7 नाम चेंज हो गया। जिसकी चर्चा इलाके में खूब हो रही है। 


धार्मिक रूपांतरण की एक महत्वपूर्ण घटना में मथुरा जिले के एक मुस्लिम परिवार ने इस्लाम धर्म को त्यागकर विधिपूर्वक सनातन हिन्दू धर्म को अपनाया है। परिवार के आठ सदस्यों ने हिन्दू युवा वाहिनी के सहयोग से वैदिक रीति-रिवाजों के साथ ‘घर वापसी’ कार्यक्रम के तहत हिन्दू धर्म में वापसी की।


धर्म परिवर्तन करने वाले परिवार के मुखिया मोहम्मद जाकिर, अब ‘जगदीश’ के नाम से जाने जाएंगे। उनका कहना है कि उनके पूर्वज मूल रूप से हिन्दू थे, जिन्होंने परिस्थितिवश इस्लाम धर्म अपनाया था, लेकिन अब वह और उनका पूरा परिवार फिर से अपने "मूल धर्म" में लौट आया है।


शुद्धिकरण और वैदिक प्रक्रिया से हुआ धर्म परिवर्तन

यह घर वापसी कार्यक्रम मथुरा की परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीजी वाटिका कॉलोनी में स्थित भागवत धाम आश्रम में आयोजित किया गया। यहां हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा वैदिक हवन, मंत्रोच्चारण और गंगाजल से शुद्धिकरण की प्रक्रिया कराई गई। कार्यक्रम के दौरान परिवार के सभी आठ सदस्यों को भगवा गमछा पहनाकर सनातन धर्म में विधिवत रूप से शामिल किया गया।


जगदीश ने बताया कि वह पिछले तीन वर्षों से हिन्दू धर्म अपनाने की इच्छा रखते थे, लेकिन सही मार्गदर्शन और प्रक्रिया के अभाव में यह संभव नहीं हो पा रहा था। हिन्दू युवा वाहिनी के संपर्क में आने के बाद उन्हें सही विधि मिली और उन्होंने पूरे परिवार के साथ हिन्दू धर्म में वापसी का निर्णय लिया।


परिवार की पृष्ठभूमि

घर वापसी करने वाला परिवार मूल रूप से मथुरा जिले के छाता तहसील अंतर्गत शेरगढ़ गांव का रहने वाला है। वर्तमान में यह परिवार जमुनापार थाना क्षेत्र के डहरुआ गांव में रहता है, जहां जगदीश (पूर्व में जाकिर) एक छोटी सी दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। परिवार में उनकी पत्नी सहित कुल आठ सदस्य हैं।


हिन्दू युवा वाहिनी की भूमिका

कार्यक्रम में हिन्दू युवा वाहिनी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने शुद्धिकरण की प्रक्रिया का आयोजन कर वैदिक आचार्यों की उपस्थिति में पूरे परिवार को हिन्दू धर्म की परंपराओं से अवगत कराया और धर्म वापसी को सम्पन्न कराया। इस घटना के बाद क्षेत्र में इसे लेकर चर्चा गर्म है। जहां एक वर्ग इसे "घर वापसी" और धार्मिक स्वतंत्रता का उदाहरण मान रहा है, वहीं कुछ लोग इसे सामाजिक समरसता की दृष्टि से भी देख रहे हैं।