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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 12 May 2025 07:03:59 PM IST
लाइफ स्टाइल - फ़ोटो GOOGLE
Life Style: क्या आपको पता है कि जब भी बच्चे परीक्षा देने जा रहे हों, कोई इंटरव्यू हो, प्रतियोगिता हो या जीवन से जुड़ा कोई अहम काम तब मां एक चम्मच दही में चीनी मिलाकर ज़रूर खिलाती हैं। ये परंपरा आज भी उतनी ही ज़िंदा है, जितनी दशकों पहले थी। यह केवल एक धार्मिक या पारंपरिक रिवाज नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी वैज्ञानिक समझ और भावनात्मक जुड़ाव छिपा है।
हम सबने बचपन में दादी-नानी या मां से सुना है, "दही-चीनी खा लो, सब अच्छा होगा।" यह वाक्य जितना सरल है, उतनी ही इसमें गहराई भी है। आइए जानें कि दही-चीनी खाना आखिर क्यों शुभ और फायदेमंद माना जाता है:
1. त्वरित ऊर्जा का स्रोत (Instant Energy Booster)
दही में मौजूद कार्बोहाइड्रेट और चीनी में ग्लूकोज का संयोजन शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है। परीक्षा, इंटरव्यू या किसी मीटिंग से पहले यह शरीर और मस्तिष्क दोनों को एक्टिव बनाता है।
2. पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है (Improves Digestion)
दही में प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इससे पाचन बेहतर होता है और बाहर जाकर कुछ भी खाने से पेट की परेशानी का खतरा कम हो जाता है।
3. गर्मी और हीट स्ट्रोक से बचाव (Prevents Heat Stroke)
गर्मियों में दही-चीनी शरीर को ठंडक देती है। यह लू से बचाव करती है और शरीर के तापमान को संतुलित रखती है। यही कारण है कि यह नुस्खा खासतौर पर गर्मियों में अपनाया जाता है।
4. तनाव और घबराहट में राहत (Reduces Stress and Anxiety)
मीठा खाने से शरीर में डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे "फील-गुड" हार्मोन्स सक्रिय होते हैं, जो तनाव और घबराहट को कम करते हैं। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और मानसिक स्थिति स्थिर रहती है।
5. शुभता और सकारात्मक सोच का प्रतीक (Symbol of Good Luck and Positivity)
भारतीय संस्कृति में मीठा खाकर किसी काम पर निकलना शुभ माना जाता है। यह एक प्रकार की मानसिक पुष्टि (positive affirmation) है कि सब कुछ अच्छा होगा। यह सोच आपके प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
6. सस्ता और प्रभावी घरेलू उपाय (Affordable and Natural Remedy)
आज जहां लोग एनर्जी ड्रिंक्स, प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स और महंगे हेल्थ प्रोडक्ट्स पर निर्भर हो रहे हैं, वहीं दही-चीनी एक प्राकृतिक, सस्ता और आसानी से उपलब्ध घरेलू उपाय है, जो पीढ़ियों से काम करता आ रहा है।
क्या कहती है आयुर्वेद और विज्ञान?
आयुर्वेद के अनुसार, दही 'शीतल', 'गुरु' और 'पौष्टिक' होता है। आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि दही एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है जो आंतों को स्वस्थ रखता है। चीनी, विशेष रूप से सुबह खाली पेट, त्वरित ग्लूकोज प्रदान करती है, जिससे मस्तिष्क अधिक सक्रिय रहता है। दही-चीनी सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि भारत की जीवनशैली में गहराई से रची-बसी समझदारी है। मां की ममता, दादी की सीख और संस्कृति की समझ का यह सरल लेकिन प्रभावी मेल आज भी हमारे जीवन को संबल देता है।