1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 31 Aug 2025 01:11:24 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Javed Akhtar: मुंबई में शनिवार को 'रूह-ए-रफी' नामक एक संगीतमय कार्यक्रम में मशहूर गायक मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि दी गई, जिसमें दिग्गज गीतकार जावेद अख्तर और अभिनेता जितेंद्र विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इस विशेष मौके पर जावेद अख्तर ने भावुक होकर बतलाया कि उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा अफसोस यह है कि वे रफी साहब के जीवित रहते उनके लिए गीत नहीं लिख सके।
अख्तर ने कहा कि जब वे इंडस्ट्री में आए, तब स्क्रिप्ट राइटर थे और गीत लेखन बाद में शुरू हुआ। उनकी तमन्ना थी कि रफी साहब उनके लिखे गीतों को अपनी जादुई आवाज दें, लेकिन "किस्मत ने यह मौका नहीं दिया।" उन्होंने रफी के गाए 'जाग दिल ए दीवाना', 'मेरी दुनिया में तुम आई', 'साथी न कोई मंजिल' और 'हुई शाम उनका ख्याल आ गया' जैसे गीतों को अपना पसंदीदा बताया, ये सारे गीत आज भी अमर हैं।
जावेद अख्तर ने कहा कि एक सभ्य समाज की पहचान है कि वह अपने कलाकारों को याद रखे और सम्मान दे। रफी साहब की आवाज आज भी उतनी ही जीवंत है, जितनी उनके दौर में थी। उनकी सादगी और गायकी की गहराई ने लाखों दिलों को छुआ। दूसरी ओर, जितेंद्र ने भी इस दौरान रफी साहब, लता मंगेशकर, आशा भोसले और किशोर कुमार जैसे दिग्गजों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि उस दौर में चुनिंदा गायकों ने अपनी आवाज से दशकों तक राज किया और उनकी आत्मा व गहराई आज के टैलेंट में दुर्लभ है। जितेंद्र ने यह भी कहा कि रफी जैसे जादूगर का दोबारा पैदा होना मुश्किल है।
रफी साहब का निधन 1980 में हुआ था, उन्होंने 26,000 से भी ज्यादा गाने गाए जो हिंदी, भोजपुरी, पंजाबी, बंगाली, मराठी और कई अन्य भाषाओं में थीं। उनकी वर्सटैलिटी और भावनात्मक गायकी की वजह से उन्हें 'भारत रत्न' की उपाधि से नवाजा गया था।