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1st Bihar Published by: Updated Wed, 04 Mar 2020 08:15:39 PM IST
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DELHI : बैंकिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इस बड़े बदलाव के कारण 1 अप्रैल से देश को 4 नए सरकारी बैंक मिल जाएंगे. इसको केंद्र की मोदी सरकार ने भी मंजूरी दे दी है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय बैंकों का दबदबा बढ़ेगा. क्योंकि बैंकों का विलय 1 अप्रैल से प्रभावी होने वाला है. हालांकि, इन बैंकों के नाम और लोगो में बदलाव को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है.
मोदी कैबिनेट ने बीते साल अगस्त में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बैंक बनाने की घोषणा किया था. इसके तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में और आंध्र बैंक-कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में करने का प्रस्ताव है. अब इस विलय के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. यहां बता दें कि संबंधित बैंकों के निदेशक मंडल ने विलय के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है.
साल 2017 में 27 सरकारी बैंक थे.लेकिन अब इस नए विलय ऐलान के साथ ही पिछले 2 साल में पीएसयू बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई है. इसका मतलब है कि मोदी सरकार में दो साल में 15 सरकारी बैंकों का दूसरे बैंकों में विलय कर दिया गया. इस विलय को लेकर सरकार का तर्क है कि कामकाज में सुधार आएगा, तो वहीं एनपीए पर काबू पाया जा सकेगा.