BETTIAH: दो युवकों को पेड़ से बांधकर पीटा गया, बैटरी चोरी का आरोप, वीडियो वायरल Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील इमाम, कोर्ट से मांगी अंतरिम जमानत Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील इमाम, कोर्ट से मांगी अंतरिम जमानत इंटैक हेरिटेज क्विज़ में पूर्णिया चैप्टर और विद्या विहार के छात्रों ने रचा इतिहास, जीता पहला स्थान Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे इस सीट से लड़ेंगे बिहार विधानसभा का चुनाव, NR कटवाने के बाद खुद किया एलान Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे इस सीट से लड़ेंगे बिहार विधानसभा का चुनाव, NR कटवाने के बाद खुद किया एलान Bhojpur News: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ने रचा नया इतिहास, 124 विद्यार्थियों का CHO के पद पर हुआ चयन Bhojpur News: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ने रचा नया इतिहास, 124 विद्यार्थियों का CHO के पद पर हुआ चयन IRCTC घोटाले को लेकर रोहित सिंह ने लालू परिवार पर बोला बड़ा हमला, कहा– ‘तेजस्वी की हार राघोपुर से तय’ Bihar News: बिहार से दिल्ली जा रही एक्सप्रेस ट्रेन की AC बोगी में उठा धुआं, रेल यात्रियों में मचा हड़कंप; ऐसे टला बड़ा हादसा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 24 Nov 2023 09:24:28 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में 10 साल पहले जबरन हुई एक शादी पर पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला आया है। कोर्ट ने भारतीय सेना के एक कांस्टेबल की शादी को रद्द कर दिया है। सेना के जवान का 10 साल पहले बिहार में अपहृत कर बंदूक की नोक पर एक महिला के साथ उनकी जबरन शादी कर दी गई थी। याचिकाकर्ता और नवादा जिले के रविकांत को 30 जून 2013 को दुल्हन के परिवार ने उस समय अगवा कर लिया था। जब वह लखीसराय के एक मंदिर में प्रार्थना करने गए थे। इसके बाद इस मामले को लेकर इन्होनें कोर्ट में याचिका दायर की थी।
दरअसल, बिहार के ‘‘पकड़ुआ बियाह’’ (विवाह योग्य उम्र की लड़कियों के परिवार के सदस्य द्वारा भारी दहेज देने से बचने के लिए कपटपूर्ण तरीकों का सहारा लिया जाना) का एक उदाहरण था जो एक सामाजिक बुराई है। इस विषय पर कुछ फिल्में भी बन चुकी हैं। याचिकाकर्ता सभी रीतियों के संपन्न होने से पहले दुल्हन के घर से भाग गया और ड्यूटी पर फिर से लौटने के लिए जम्मू-कश्मीर चला गया था। छुट्टी पर लौटने पर शादी को रद्द करने की मांग करते हुए लखीसराय की परिवार अदालत में एक याचिका दायर की थी।
वहीं, परिवार अदालत ने 27 जनवरी, 2020 को उनकी याचिका खारिज कर दी जिसके बाद उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। न्यायमूर्ति पी बी बजंथरी और न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने यह कहते हुए निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया कि पारिवारिक अदालत ने ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ दृष्टिकोण अपनाया कि याचिकाकर्ता का मामला ‘‘अविश्वसनीय’’ हो गया क्योंकि उसने विवाह को रद्द करने के लिए ‘‘तुरंत’’ मुकदमा दायर नहीं किया था। खंडपीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने स्थिति स्पष्ट कर दी है और कोई अनुचित देरी नहीं हुई है।’’
उधर, खंडपीठ ने इस महीने की शुरुआत में अपने आदेश में इस बात पर जोर देने के लिए उच्चतम न्यायालय के फैसले का भी हवाला दिया कि हिंदू परंपराओं के अनुसार कोई भी शादी तब तक वैध नहीं हो सकती जब तक कि ‘‘सप्तपदी’’नहीं की जाती उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया, ‘‘विद्वान परिवार अदालत का यह निष्कर्ष कि सप्तपदी का अनुष्ठान नहीं करने का मतलब यह नहीं है कि विवाह नहीं किया गया है, किसी भी योग्यता से रहित है।’’