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1st Bihar Published by: Updated Tue, 12 Jul 2022 07:47:35 PM IST
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DESK: 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करना ही आयोग की पहचान है। राष्ट्रपति चुनाव के संचालन के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत राज्य विधान सभा सचिवालयों को निर्दिष्ट मतपेटियों, मतपत्रों, विशेष पेन और अन्य सीलबंद चुनाव सामग्री का वितरण एवं प्रेषण शुरू कर दिया है। चुनाव सामग्री को समयबद्ध और सुरक्षित तरीके से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भेजने के लिए निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में यह दो दिवसीय अभ्यास-कार्य मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की देख-रेख में किया जा रहा है।
निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित सहायक निर्वाचन अधिकारियों (एआरओ) द्वारा दिल्ली में ईसीआई मुख्यालय से सामग्री के संग्रह किये जाने का निर्देश देता है। एक बार जब वे दिल्ली पहुंच जाते हैं, तो अधिकारियों को चुनाव आयोग, नागरिक उड्डयन, दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ के अधिकारियों द्वारा चलाये जा रहे दिल्ली हवाई अड्डा स्थित हेल्प डेस्क पर भी सहायता प्रदान की जाती है। निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में पूर्ण निरीक्षण के बाद उचित सुरक्षा और संरक्षा उपायों के साथ मतपेटियां तथा अन्य आवश्यक चुनाव सामग्री एआरओ को सौंप दी जाती हैं। जब एआरओ चुनाव सामग्री लेने के लिए जाते हैं, तो दिल्ली पुलिस की टीमें उनके साथ-साथ चलती है। एआरओ अपने-अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उसी दिन लौट जाते हैं, जिस दिन चुनाव सामग्री का संग्रह करते हैं। परिवहन के दौरान, मतपेटियों को एक अलग सीट पर हवाई जहाज की अग्रिम पंक्ति में रखा जाता है, जिसके बगल की सीट पर अधिकारी बैठते हैं, जिनके व्यक्तिगत पर्यवेक्षण में सामग्री का परिवहन किया जाता है।
राज्यों के सहायक निर्वाचन अधिकारियों से बात करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि भारत निर्वाचन आयोग की टीमों द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन ही त्रुटि मुक्त चुनाव कराने के मामले में आयोग की पहचान बन गई है। उन्होंने कहा कि सुपरिभाषित निर्देशों एवं मानक संचालन प्रक्रियाओं का एक समुच्चय, जिनका पूर्ण अनुपालन हर चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जरूरी है, चुनाव संचालन के दौरान निर्वाचन आयोग की दृढ़ता का कारक है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सतर्क रहें और मतपेटियों एवं मतपत्रों सहित सभी चुनाव सामग्रियों के परिवहन तथा रख-रखाव संबंधी प्रोटोकॉल व दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
मतपेटियों के साथ अधिकारियों के राज्यों की राजधानियों में पहुंचने पर, इन मतपेटियों को वीडियोग्राफी के साथ सख्त निगरानी में पहले से साफ किए गए और ठीक से सीलबंद किए गए वज्र गृह (स्ट्रांग रूम) में रखा जाता है। इन मतपेटियों के साथ-साथ राष्ट्रपति चुनाव के मतपत्रों को भी सुरक्षित रखा जाता है और उन्हें सीलबंद किया जाता है। मतदान समाप्त होने के बाद, डाले गए मतपत्रों से भरी सीलबंद मतपेटियों और अन्य चुनाव सामग्रियों को अगली उपलब्ध उड़ान से निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय, जोकि राज्यसभा सचिवालय है, वापस लाया जाना है। मतपेटियों एवं अन्य दस्तावेजों को व्यक्तिगत रूप से विमान के केबिनों में ले जाया जाता है और उन्हें कभी भी साथ चलने वाले अधिकारियों की नजरों से ओझल नहीं होने दिया जाता है।
आयोग ने मतदान के संचालन से संबंधित विशिष्ट दिशानिर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं और इन्हीं दिशानिर्देशों के अनुरूप सहायक निर्वाचन अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। राष्ट्रपति चुनाव के संचालन से जुड़ी चुनाव प्रक्रिया के सभी पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से 13 जून, 2022 को विज्ञान भवन में निर्वाचन अधिकारियों, सहायक निर्वाचन अधिकारियों तथा मुख्य चुनाव अधिकारियों के लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था। आयोग ने चुनाव के दौरान मतदान एवं मतगणना की व्यवस्था की निगरानी के लिए 37 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की है और 11 जुलाई 2022 को इन पर्यवेक्षकों की एक ब्रीफिंग बैठक भी आयोजित की गई थी।
ये पर्यवेक्षक भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव/संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। आयोग ने विभिन्न राज्यों/ केन्द्र - शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में स्थित 30 मतदान-केन्द्रों में से प्रत्येक पर मतदान की निगरानी के लिए एक पर्यवेक्षक और संसद भवन के लिए दो पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। नामित पर्यवेक्षक निर्वाचन अधिकारियों एवं सहायक निर्वाचन अधिकारियों द्वारा मतपेटियों व चुनाव सामग्रियों की सुरक्षा तथा परिवहन के लिए की गई व्यवस्था का जायजा लेंगे और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे। संसद भवन में प्रतिनियुक्त पर्यवेक्षक 21 जुलाई 2022 को मतगणना प्रक्रिया की निगरानी भी करेंगे।