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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 10 Mar 2023 07:06:19 PM IST
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PATNA: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव सिर्फ 29 साल की उम्र में अरबों रूपये की 52 संपत्तियों के मालिक बन गये थे. पटना में उनके नाम अकूत संपत्ति है तो दिल्ली के सबसे पॉश इलाके न्यू फ्रेंड्स कालोनी में तेजस्वी के पास अरबों रुपया का चार मंजिला आलीशान मकान है. तेजस्वी पटना में साढ़े सात सौ करोड़ रूपये का मॉल बनवा रहे थे. लालू परिवार पटना का सबसे बड़ा जमींदार बन गया है, जिसके पास सिर्फ पटना में एक लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन है. 2008 में लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ इन्हीं सपंत्तियों का ब्योरा देते हुए शरद यादव और ललन सिंह ने जांच की मांग की थी. ललन सिंह ने सारे दस्तावेज पहल सीबीआई को उपलब्ध कराये थे.
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने उपर लिखे गये आंकड़े दिये हैं. सुशील मोदी ने कहा बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इंटरमीडिएट तक भी पढाई नहीं की. वे क्रिकेट खेलने गये थे लेकिन वहां भी विफल रहे. उन्होंने कोई दूसरा रोजगार धंधा भी नहीं किया. फिर बिना कुछ किये सिर्फ 29 साल की उम्र में वे अरबों रूपये की 52 सम्पत्तियों के मालिक कैसे बन गए? तेजस्वी प्रसाद यादव को बताना चाहिए कि वे दिल्ली के सबसे पॉश इलाके न्यू फ्रेंड्स कालोनी में जहां देश के बड़े बड़े अमीर घर खरीद नहीं पाते वहां तेजस्वी यादव अरबो रुपये के चार मंजिला आलीशान मकान के मालिक कैसे बन गए?
लालू ने अपने परिवार को खुद फंसाया
सुशील मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद ने सत्ता में रहते हुए यही बस एक ही मंत्र अपनाया था-तुम मुझे जमीन दो, मैं तुम्हें नौकरी दूँगा. गरीब लोगों से भी उनकी जमीन लालू परिवार के सदस्यों के नाम लिखवा ली गयी. हर काम के लिए जमीन लेते हुए गरीब परिवार में जन्मे लालू प्रसाद सबसे बड़े जमींदार बन गए. उनके पास पटना में 1 लाख वर्ग फुट से ज्यादा बेशकीमती जमीन है. सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने न सिर्फ नौकरी देने के लिए बल्कि विधायक, सांसद, मंत्री और एमएलसी बनावाने के लिए भी कीमती जमीनें अपने परिवार के सदस्यों के नाम से रजिस्ट्री करवा ली. आज अगर उनका पूरा परिवार जांच के फेरे में पड़ा है तो इसके लिए खुद लालू प्रसाद जिम्मेवार हैं. उन्होंने खुद ही पूरे परिवार को फँसा दिया, किसी दूसरे ने नहीं फँसाया.
सुशील मोदी ने कहा कि ईडी ने राजद के जिस पूर्व विधायक अबु दोजाना के ठिकानों पर छापेमारी की है, वे वही अबु दोजाना हैं, जो पटना में तेजस्वी यादव का 750 करोड़ का मॉल बनवा रहे थे . क्या ऐसे लोगों की जांच नहीं होनी चाहिये. क्या सत्ता में बैठकर कई अरब की अवैध संपत्ति अर्जित करने वालों को खुला छोड़ देना चाहिये.
रंग बदल रहे हैं जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम बनने के अपने महत्वांकाक्षी सपने के दबाव में भ्रष्टचार से समझौता कर लिया और वे चारा घोटाला से लेकर "जमीन के बदले नौकरी घोटाले" तक में संलिप्त लालू परिवार को बचाने में लगे हैं. जांच एजेंसियों की कार्रवाई होने पर बार-बार लालू परिवार को फँसाने का जो झूठा प्रचार किया जाता है, उसमें कोई दम होता तो लालू प्रसाद चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में अदालत से दोषी नहीं पाये जाते. सुशील मोदी ने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का यू टर्न मारना आश्चर्यजनक है. 2008 में लालू प्रसाद के विरुद्ध भ्रष्टचार के मामलों की जांच के लिए स्वर्गीय शरद यादव और ललन सिंह ने ही पहल की थी. जदयू ने सारे दस्तावेज सीबीआई को उपलब्ध कराये थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन भी दिया था. आज यही लोग लालू प्रसाद पर कार्रवाई रोकने के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हैं.