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1st Bihar Published by: Updated Sat, 25 Jun 2022 03:14:59 PM IST
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DESK: अमरनाथ हिन्दुओ के प्रमुख तीर्थस्थल में एक मन जाता है. जनश्रुति में प्रचलित है कि इसी गुफा में माता पार्वती को भगवान शिव ने अमरनाथ कथा सुनाई थी, जिसे सुनकर शुक-शिशु शुकदेव ऋषि के रूप में अमर हो गये थे. अमरनाथ के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बहुत दूर-दूर से आते हैं.
कश्मीर के हिमालयावर्ती क्षेत्र में बाबा बर्फानी के दर्शन श्रद्धालु 30 जून से कर पाएंगे. आपको बता दें कि अषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने तक शिव जी का दर्शन होगा यानी 30 जून से 11 अगस्त तक दर्शन का लाभ मिलेगा. यहां की प्रमुख विशेषता यह है कि गुफा में बर्फ से निर्मित प्राकृतिक शिवलिंग होते हैं. जनश्रुति में कहा गया है कि इसी गुफा में माता पार्वती को भगवान शिव ने अमर होने की कथा सुनाई थी. शिव जी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर डॉ से आते हैं.
दरअसल, पूरे दो साल बाद 30 जून से बाबा अमरनाथ का दर्शन शिवभक्तों को होने जा रहा है, जिसको लेकर भक्त बहुत उत्साहित हैं. श्राइन बोर्ड को उम्मीद है कि इस साल भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन करने पहुंचगे. इसको लेकर प्रशासन भी तैयारी में जुटी हुई हैं. बता दें, बीते दो वर्षों से कोरोना को लेकर अमरनाथ यात्रा बंद था.
यहां की प्रमुख विशेषता यह है कि पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है. प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवजी भी कहते हैं. यह समुद्र ताल से लगभग 3,800 मीटर उचाई पर स्थित है.
बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो प्रमुख रास्तों से की जाती है. इसका पहला रास्ता पहलगांव से बनता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से. भक्तों को यह रास्ते पैदल ही पार करना पड़ता है. पहलगांव से अमरनाथ की दुरी लगभग 28 किलोमीटर है वहीँ बालटाक से 14 किलोमीटर है.