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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 05 Dec 2023 04:01:50 PM IST
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PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का चेहरा अब राष्ट्रीय अखबारों के पन्नों पर भी चमकेगा. इसके लिए बिहार सरकार की विज्ञापन नीति में फेरबदल कर दिया गया है. अपनी पुरानी नीति के कारण सरकार बिहार के अंग्रेजी अखबारों में भी विज्ञापन नहीं दे पा रही थी. नयी नीति बनने के बाद अब अंग्रेजी अखबारों में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का चेहरा चमकता हुआ नजर आयेगा.
नीतीश कैबिनेट की आज हुई बैठक में इसका प्रस्ताव पास कर दिया गया. कैबिनेट में 2016 से लागू बिहार विज्ञापन नीति में फेरबदल की मंजूरी दे दी गयी. दरअसल पुरानी नीति में बिहार से प्रकाशित होने वाले अखबारों में सरकारी विज्ञापन देने के लिए उनकी प्रसार संख्या तय की गयी थी. बिहार सरकार का विज्ञापन हासिल करने के लिए हिन्दी समाचार पत्रों की ब्रिकी संख्या कम से कम 60,000 , अंग्रेजी समाचार पत्रों के लिए चालीस हजार और उर्दू समाचार पत्रों के लिए कम से कम पचीस हजार होनी चाहिये. किसी मैगजीन को तभी विज्ञापन दिया जा सकता है जब उसकी बिक्री कम से कम 25 हजार हो.
बिहार सरकार ने आज कहा कि कोरोना काल में समाचार पत्रों खासकर अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्रों की प्रसार संख्या में भारी कमी आयी. इसके कारण पटना संस्करण का कोई भी अंग्रेजी समाचार पत्र सरकरी विज्ञापन हासिल करने के लिए विभाग निर्धारित अहर्ता यानि चालीस हजार अखबार बेचने की शर्त को पूरा नहीं कर पा रहा था. इस वजह से फिलहाल किसी अंग्रेजी समाचार पत्र के पटना संस्करण को बिहार सरकार का विज्ञापन नहीं मिल रहा है.
ऐसे में सरकार ने अंग्रेजी अखबारों के साथ साथ राष्ट्रीय समाचार पत्रों के लिए निर्धारित शर्त को बदल दिया है. बिहार विज्ञापन नीति में राष्ट्रीय समाचार पत्र की नयी परिभाषा जोड़ी गयी है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय समाचार पत्रों के पटना संस्करण पर बिक्री से जुड़ी कोई सीमा नहीं लागू होगी. यानि अखबार कितना भी बिके, सरकार उसे विज्ञापन देगी. सरकार कह रही है कि इस संशोधन के बाद अंग्रेजी और हिन्दी के साथ साथ उर्दू भाषा के राष्ट्रीय समाचार पत्रों में बिहार सरकार की ओर से विज्ञापन दिया जा सकेगा.