बिहार विधानसभा चुनाव 2025: HAM की 243 सीटों पर तैयारी, मंत्री संतोष सुमन बोले..NDA की होगी भारी जीत BIHAR: जमुई में वंदे भारत ट्रेन से कटकर युवक की मौत, 10 घंटे तक ट्रैक पर पड़ा रहा शव मुजफ्फरपुर में गल्ला व्यापारी लूटकांड का खुलासा, सीसीटीवी फुटेज से खुला राज गोपालगंज डीएम ने सबेया एयरपोर्ट कार्यों में तेजी के दिए निर्देश, नियमित समीक्षा का ऐलान Akshay Kumar की अगली 5 फ़िल्में, हर एक पर लिखा है 'ब्लॉकबस्टर मैटेरियल' Shreyas Iyer: कप्तानी को लेकर श्रेयस अय्यर का बड़ा बयान, IPL ख़त्म होने के बाद पहली बार खुलकर बोले प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम पद नहीं मांगा, बल्कि 2015 में नीतीश कुमार की कुर्सी बचाई थी: जन सुराज के महासचिव ने जेडीयू MLC को दिया करारा जवाब Patna News: पटना में बिहार का पहला डबल डेकर पुल बनकर तैयार, सीएम नीतीश इस दिन देंगे बड़ी सौगात Patna News: पटना में बिहार का पहला डबल डेकर पुल बनकर तैयार, सीएम नीतीश इस दिन देंगे बड़ी सौगात 8 साल बाद सर्किल रेट बढ़ने से अयोध्या में महंगी हुई जमीन: अब बिहार में हो रही यह चर्चा
1st Bihar Published by: Updated Wed, 10 Aug 2022 09:02:53 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : इंजीनियरिंग की पढ़ाई जल्द ही सभी भारतीय भाषाओं में शुरू होगी. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा, परिषद (एआईसीटीई) ने इसके लिए एक विशेष मुहिम शुरू की है. इसके तहत इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब जल्द ही उर्दू, असमिया और मलयालम में होगी. इसके लिए कोर्स तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है, जो इस साल के अंत तक पूरा हो सकता है. इंजीनियरिंग की पहले ही पढ़ाई हिंदी, मराठी व तमिल जैसी कुछ चुनिंदा भारतीय भाषाओं में शुरू कर दी गई है.
जानकारी के मुताबिक, इंजीनियरिंग से जुडे, डिग्री और डिप्लोमा के कोर्स के लिए 9 भारतीय भाषाओं में तैयार किए जा चुके हैं. इनमें करीब छह भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग के कोर्स शुरू भी हो चुके हैं. इन कोर्सों की शुरुआतदेश के 20 इंजीनियरिंग कालेजों से की गई है. इस बीच एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग से जुड़े सभी डिग्री और डिप्लोमा के पहले वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक के कोसों को सभी भाषाओं में तैयार करने की एक विस्तृत योजना तैयार की है. इस पर 18 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च होगी.
इस दौरान इंजीनियरिंगसे जुड़े करीब 88 विषयों को पहचान की गई है, जिसे इन सभी भाषाओं में इस साल के अंत तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. खास बात यह है कि इन पाठ्यक्रमों को तैयार करने में आटीफिशियल इंटेलीजेंस की भी मदद ली जा रही है. ऐसे तकनीकी शब्दों से बिल्कुल भी छेड़छाड़ नहीं की जा रही है, जो प्रचलन में है. एआईसीटीई ने इस दौरान भारतीय भाषाओं में तैयार होने वाली इंजीनियरिंग की इन किताबों को उस राज्य के सभी तकनीकी संस्थानों को मुहैया कराने की भी योजना बनाई है.