Nitish Kumar एक्शन मोड में नीतीश सरकार, 2005 से अब तक संविदा पर बहाल कर्मचारियों का ब्यौरा किया तलब; 3दिनों के अंदर

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 08 Nov 2024 07:16:26 AM IST

Nitish Kumar एक्शन मोड में नीतीश सरकार, 2005 से अब तक संविदा पर बहाल कर्मचारियों का ब्यौरा किया तलब; 3दिनों के अंदर

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PATNA : बिहार में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है। उससे पहले राज्य सरकार के तरफ से लोगों को रोजगार देने का काम जारी है। इसी कड़ी में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक ओर विभागों में रिक्त पदों को भरने की कवायद जोर-शोर से चल रही है। अलग-अलग विभाग अपने यहां रिक्त पदों का आकलन करने में जुटे हैं।


विभागों की कोशिश है कि चुनाव के पहले अधिक से अधिक रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर ली जाएं। इसी कड़ी में भवन निर्माण विभाग ने विभाग के प्रशासनाधीन संविदा और बाह्य स्रोत से नियुक्त कर्मियों का ब्योरा तलब किया है।


जानकारी के अनुसार भवन निर्माण विभाग के उप सचिव शिव रंजन की ओर से सभी अधीक्षण अभियंताओं को एक पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि 2005 से अब तक संविदा और बाह्य स्रोतों से नियोजित कर्मियों से संबंधित आंकड़े विभाग को हर हाल में तीन दिनों के अंदर मुहैया करा दें। विभाग ने कहा है कि तीन दिनों के अंदर उक्त जानकारी विभाग को ई-मेल के माध्यम से, जबकि 13 नवंबर तक भौतिक रूप से विभाग को अविलंब मुहैया कराई जाए।


विभाग ने अपने पत्र के बकायदा एक फॉर्मेट भी जारी किया है जिसमें भर कर वांछित जानकारी मुहैया करानी होगी। फार्मेट में अनारक्षित पद, अनुसूचित जाति, जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग श्रेणी में नियोजित कर्मियों की अलग-अलग जानकारी देनी होगी। यह जानकारी वार्षिक होगी। उदाहरण के लिए 2005 से 2006 के बीच में कितने नियोजित किए। इसके बाद यह क्रम वार्षिक रूप से बढ़ता जाएगा।


इधर, राज्य के विकास कार्यों को गति देने के लिए राज्य के मुख्य सचिव नियमित रूप से विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव का पद ग्रहण करने के बाद अधिकारियों के साथ पहली बैठक में ही प्रत्येक सोमवार को योजनाओं की समीक्षा का निर्णय लिया है। अब पूर्व घोषित बैठक में लिए जाने वाले एजेंडे में मामूली बदलाव किया गया है।


भवन निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रत्येक सोमवार को होने वाली बैठक में मुख्य सचिव सबसे पहले योजना व्यय की प्रगति रिपोर्ट लेंगे और इसकी समीक्षा करेंगे। इसके बाद केंद्रांश के रूप में मिलने वाले धन, राजस्व संग्रह की समीक्षा होगी। तीसरे पायदान पर सरकार ने नियुक्तियों को रखा है। मुख्य सचिव समीक्षा के दौरान विभागों से उनके यहां रिक्त पद और पदों को भरने के लिए होने वाली कवायद की जानकारी लेंगे और आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेंगे।