Parent-child relation: बच्चों को शर्मिंदा कर देती हैं पैरेंट्स की ये आदतें, जानिए क्यों बच्चे बनाने लगते हैं दूरियां Bihar Assembly Election 2025: जहानाबाद में बिछने लगी बिसात...NDA में किसके खाते में जाएगी सीट ? दर्जन भर हैं दावेदार..किनका टिकट होगा फाइनल,जानें... IPL2025: "हमें विनम्र बने रहने की जरुरत", अंकतालिका में टॉप पर जाने के बाद हार्दिक और सूर्या का बड़ा बयान, फैंस बोले "ये दोनों MI के पिलर हैं" Made in India: डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका में 'मेड इन इंडिया' की गूंज! Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार! Bihar Politics: "नीतीश को साइडलाइन करने की हिम्मत किसी में नहीं": मनोज तिवारी.. चिराग के भविष्य और पवन सिंह के BJP में आने पर भी बोले Road Accident Death : कुछ महीने पहले हुई थी शादी, अब सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट के वकील की मौत,पत्नी घायल Caste Census: बिहार चुनाव और पहलगाम हमले से है जातीय जनगणना का कनेक्शन? विपक्ष के तीखे सवालों के बाद जनता सोचने पर मजबूर Pakistan Airspace: पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद किए जाने के बाद एयर इंडिया को भारी नुकसान, बढ़ीं मुश्किलें Bihar News: पटना में हाईटेक हाइड्रोलिक पार्किंग सिस्टम, अब कार्ड स्कैन करो और कार खुद हो जाएगी पार्क
1st Bihar Published by: RAKESH Updated Wed, 21 Dec 2022 08:17:29 PM IST
- फ़ोटो
ARRAH: आरा मंडल कारा के जेल अधीक्षक संदीप कुमार को सस्पेंड किया गया है। जेल के कुख्यात बंदियों से सांठ-गांठ और प्रशासनिक विफलता के आरोप में निलंबन की कार्रवाई की गई है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय केन्द्रीय कारा,गया निर्धारित किया गया है।
दरअसल मंडल कारा,आरा में औचक छापेमारी के दौरान मोबाइल समेत समेत अन्य आपत्तिजनक सामानों की बरामदगी के मामले में अंतत: जेल अधीक्षक संदीप कुमार पर विभागीय कार्रवाई की गाज गिर ही गई। कारा एवं सुधार सेवा के संयुक्त सचिव ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन पर राज्यपाल की भी स्वीकृति मिल गई है। प्रपत्र क में आरोपित गठित कर अलग से विभागीय कार्रवाई चलेगी। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए डीएम को अधिकृत किया गया, जिसके बाद डीएम राजकुमार ने जिला भूअर्जन पदाधिकारी सत्यप्रकाश को जेल का प्रभार सौंपा है।
बीते दिनों भोजपुर में लगातार हो रही अपराधिक घटनाओं से जिले में लोग दहशत में जीने को मजबूर हो गए थे, और पुलिस को भी समझ नहीं आ रही थी कि आखिरकार एकाएक भोजपुर में अपराधिक घटनाएं इतनी बढ़ क्यों गई। लेकिन किसे पता था भोजपुर में बढ़ते अपराध के पीछे आरा मंडल कारा में बैठे कुख्यात अपराधियों का बहुत बड़ा हाथ है, जो जेल में बैठ कर अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिला रहे है। दरअसल मंडल कारा,आरा में औचक छापेमारी के दौरान मोबाइल समेत समेत अन्य आपत्तिजनक सामानों की बरामदगी के मामले में अंतत: जेल अधीक्षक संदीप कुमार पर विभागीय कार्रवाई की गाज गिर ही गई। कारा एवं सुधार सेवा के संयुक्त सचिव ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन पर राज्यपाल की भी स्वीकृति मिल गई है।
प्रपत्र क में आरोपित गठित कर अलग से विभागीय कार्रवाई चलेगी। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए डीएम को अधिकृत किया गया, जिसके बाद डीएम राजकुमार ने जिला भूअर्जन पदाधिकारी सत्यप्रकाश को जेल का प्रभार सौंपा है। कुख्यात बंदियों से सांठ-गांठ और प्रशासनिक विफलता के आरोप में निलंबन की कार्रवाई की गई है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय केन्द्रीय कारा,गया निर्धारित किया गया है। बीते दिनों 28 नवंबर को डीएम राजकुमार एवं पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह ने मंडल कारा,आरा मेें औचक छापेमारी कर आठ मोबाइल, पांच सिम कार्ड, चार चार्जर , कैंची एवं 15 हजार रुपये नकद बरामद किया था। इसके बाद जेल अधीक्षक ने इस मामले में जेलर एवं कक्षपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
कारा एवं सुधार सेवा गृह विभाग (कारा) के संयुक्त सचिव रजनीश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से निर्गत आदेश में जिक्र किया गया है कि छापेमारी से पूर्व केन्द्रीय कारा बक्सर के काराधीक्षक ने पांच नवंबर को मंडल कारा,आरा का औचक निरीक्षण किया था। जिसमें ज्ञात हुआ था कि जेल में बंद बंदी धनजी यादव एवं विनोद यादव का प्रभाव कारा प्रशासन को प्रभावित करने में है। दोनों बंदियों का इतना प्रभाव है कि कारा प्रशासन ठीक से अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहा है। बेड चार्ज के नाम पर अवैध वसूली, कैंटिन के सामानों का अधिक दर पर बिक्री , कमजोर बंदियों को प्रताड़ित करने का कार्य किया जाता है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि मंडल कारा की प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, और कुख्यात कैदियों द्वारा कारा का संचालन किया जा रहा है। कुख्यात बंदियों से आपराधिक सांठ-गांठ परिलिक्षित होने का भी जिक्र है। जिलाधिकारी राजकुमार और पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह की छापेमारी में आपत्तिजनक सामान की बरामदगी एवं बक्सर काराधीक्षक के औचक निरीक्षण से इस बात की पुष्टि हाेने का भी उल्लेख किया गया है। वहीं इस पूरे प्रकरण के बाद 4 दिसंबर को 17 बंदियों को केन्द्रीय कारा भागलपुर स्थानांतरित कर दिया गया था।