Bihar education News: बिहार के इस यूनिवर्सिटी में 10 हजार छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग, राजभवन के आदेश की उड़ रही धज्जियां! Bihar crime News: टना एयरपोर्ट की निर्माणाधीन बिल्डिंग में महिला का शव मिलने से सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Salman Khan: भारत-पाक सीजफायर पर पोस्ट डिलीट कर बुरे फंसे सलमान खान, फैंस ने ही लगाई क्लास Bihar Mafia Crackdown: 10 करोड़ की काली कमाई पर चला बुलडोज़र, 100 से ज्यादा माफिया पुलिस के रडार पर! Bullet Train Bihar: जल्द बिहार में फर्राटे मारेगी बुलेट ट्रेन, सुविधाएं जान रह जाएंगे हैरान Patna Flight Cancellation: पटना से कई उड़ानें और ट्रेन टिकटें रद्द, भारत-पाक तनाव के बीच यात्रियों में चिंता बढ़ी Bihar News : शराब तस्करों का पीछा कर रही पुलिस की गाड़ी पलटी, होमगार्ड की मौत, चार जवान घायल Bihar News: NEET की परीक्षा देने गया छात्र पटना से लापता, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: गंभीर इल्जाम के बाद सहकारिता पदाधिकारी गिरफ्तार, पत्नी के खुलासे के बाद हैरान रह गए लोग Bihar crime News : मुजफ्फरपुर में घरेलू विवाद बना खूनी संघर्ष, बहनोई ने साले की कर दी निर्मम हत्या — पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा
1st Bihar Published by: Updated Thu, 12 Dec 2019 08:08:27 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. राज्य में मेडिकल, इंजीनियरिंग, बीएड, मैनेजमेंट समेत कई कोर्सेंज की डिग्री देने वाले आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ इंस्पेक्टर की की डिग्री ही फर्जी निकली है. मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत अन्य टेक्निकल कॉलेजों को मान्यता और डिग्री देने के साथ उसे कंट्रोल करने वाले आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ इंस्पेक्टर डॉ. अजय प्रताप की पीजी की डिग्री ही फर्जी निकली है.
यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ इंस्पेक्टर पद के लिए न्यूनतम डिग्री पीजी है. साल 2013 में जब डॉ. अजय प्रताप बहाल हुए तब उन्होंने मगध यूनिवर्सिटी से MSC मैथ में पीजी और मणिपाल यूनिवर्सिटी से MSC IT की डिग्री के डॉक्टूमेंट्स दिये थे. सोशल वर्कर संतोष कुमार ने उनके दोनों डिग्री पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी के वीसी ने जब उनके प्रमाण पत्र को मगध यूनिवर्सिटी और मणिपाल यूनिवर्सिटी के पास वेरिफिकेशन के लिए भेजा तब जांच में दोनों ही डिग्री फर्जी निकली.
9 दिसंबर को इस पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश ए के उपाध्याय ने प्रथम दृष्टया डॉ. अजय प्रताप की बहाली को अवैध करार दिया. कोर्ट ने कहा कि इनके पास इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज पद के लिए न्यूनतम योग्यता नहीं हैं. हाईकोर्ट ने आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार को डॉ. अजय प्रताप से इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज के सारे काम वापस लेने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में डॉ. अजय को चार हफ्तों में काउंटर एफेडेविट करने का निर्देश दिया है. वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी. वहीं इस मामले में डॉ. अजय प्रताप ने सफाई देते हुए यूनिवर्सिटी के कुछ वरीय अधिकारियों पर साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया है.