पटना में इतने प्रत्याशी मैदान में उतरे, 48 लाख वोटर करेंगे किस्मत का फैसला; युवा मतदाताओं करेंगे फैसला Bihar Election 2025: आप भी मोबाइल लेकर जा रहे हैं बूथ पर, तो जरुर करें यह काम; मिल रही है यह सुविधाएं Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण का मतदान आज, जानें समय और नियम; बाइक या कार से देने जा रहे वोट, इन जरूरी नियमों का रखें ध्यान Bihar election 2025 : 16 मंत्रियों की साख दांव पर, हर बूथ पर मतदाताओं में दिख रहा उत्साह; फर्स्ट वोटर बनने की मची होड़ Bihar Election 2025: गिरिराज सिंह ने वोटिंग करते ही मुस्लिम महिलाओं को लेकर कहा - हर बुर्का पहने लोगों की हो जांच, सिन्हा ने भी किया मतदान Bihar News: बिहार का AQI रेड जोन में पहुंचा, अगले 3 दिन कुछ ऐसा रहेगा राज्य का तापमान Bihar Election 2025: पहले चरण के मतदान में इतनी महिला उम्मीदवारों की किस्मत का होगा फैसला, 18 जिलों के कितने पोलिंग बूथ पर हो रही है वोटिंग? Bihar Assembly Election 2025: बिहार में पहले फेज के लिए वोटिंग शुरू, सम्राट और गिरिराज के अलावा BJP के कई सीनियर लीडर ने किया मतदान; पहली बार पोलिंग बूथ मिल रही यह सुविधा Bihar Election 2025 :बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में बाहुबली नेताओं के बीच रोमांचक मुकाबला, मोकामा और दानापुर सीटें प्रमुख Bihar Election 2025: बिहार में शुरु हुआ मतदान, आपके भी बूथ पर हो रही गड़बड़ी, तो ऐसे करें शिकायत
1st Bihar Published by: Updated Wed, 17 Jun 2020 12:22:35 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : अवधेश नारायण सिंह ने फिर से बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति का पदभार संभाल लिया है। पूर्व कार्यकारी सभापति हारुण रशीद ने उन्हें खुद ले जाकर कुर्सी पर बैठाया है। उन्होनें अवधेश नारायण सिंह को बधाई दी है।
मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में अवधेश नारायण सिंह को कार्यकारी सभापति बनाने पर सहमति बनी थी। बाद में राजभवन को इस बाबत प्रस्ताव भी भेज दिया गया। इस प्रस्ताव पर स्वीकृति देश शाम राजभवन द्वारा दे दी गई थी।
अवधेश नारायण सिंह पहले भी लगभग पांच सालों तक विधान परिषद के सभापति रह चुके हैं। गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद अवधेश नारायण सिंह 18 मार्च 1993 से वे लगातार विधान परिषद के सदस्य हैं। बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष रह चुके अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद में 17 अगस्त, 2002 से 17 मार्च 2005 तक विरोधी दल के मुख्य सचेतक रहे।