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1st Bihar Published by: Updated Tue, 19 Apr 2022 10:02:35 PM IST
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PATNA: मिड डे मील में आ रही शिकायतों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अहम फैसला लिया है। बच्चों को दी जाने वाली मध्याह्न भोजन योजन को आधा घंटे पहले स्कूल के प्रिसिंपल चखेंगे उसके बाद ही यह बच्चों के बीच वितरित होगा। बच्चों को परोसने से पहले खाना चखने वाले प्राचार्य इसकी गुणवत्ता को लेकर हरी झंडी देंगे। यह बताएंगे कि खाना बढ़िया है तभी इसका वितरण बच्चों के बीच किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली मिड डे मील में कई तरह की शिकायते आ रही थी। कभी खाने में छिपकली मिलती थी तो कभी खाने की क्वालिटी बहुत खराब रहती थी जिसके कारण बच्चे इसे खाने से मना करते थे। पिछले दिनों ही यह देखने को मिला था कि चावल की जगह खुद्दी से बच्चों के लिए भात बनाया गया था जिसे बच्चों ने खाने से इनकार कर दिया था उसे डस्टबिन में ले जाकर फेंक दिया था।
इस तरह की शिकायतें आने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है कि अब बच्चों को भोजन परोसने के आधा घंटे पहले उस भोजन को स्कूल के हेडमास्टर को रोज चखना होगा। उनके द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के बाद ही यह बच्चों को खाने के लिए दिया जाएगा। यह जिम्मेदारी शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों को भी दिया गया है कि जब कि स्कूल में निरीक्षण के लिए वे जाए वहां बन रहे मध्यान भोजन को बच्चों के साथ बैठकर खाएं। भोजन चखने के आधे घंटे बाद यदि यह सही रहा तब ही इसे बच्चों की थाली में दिया जाएगा।
28 मार्च को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में यह निर्देश दिया गया कि विद्यालयों में संचालित मध्याहन भोजन की गुणवत्ता एवं मात्रा को सुनिश्चित किया जाए। इसे लेकर अनुश्रवण और निरीक्षण करना जरूरी है। शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों को विद्यालय के निरीक्षण के दौरान बच्चों के लिए बने भोजन को बच्चों के साथ बैठकर करने का निर्देश दिया गया।
भोजन चखने के आधे घंटे के बाद ही यह बच्चों को खाने के लिए वितरण किया जाएगा। सभी प्रारंभिक विद्यालयों में पका-पकाया भोजन बच्चों के साथ करने का निर्देश दिया गया है। सभी प्रारम्भिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत यह निर्देश दिए गये हैं कि भोजन परोसने के 30 मिनट पूर्व उसे चखा जाए। हेडमास्टरों से अनुरोध किया गया है की वह भी पंक्ति में बैठ कर बच्चों के साथ खाएं ताकि अपनत्व की भावना जागृत हो सके।

