ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार

भागवत कथा के छठे दिन गुरुवार को आयोजित हुआ रासलीला पूजा, बाल लीलाओ का कथा प्रसंग विस्तार से सुनाया गया

1st Bihar Published by: Updated Thu, 30 Dec 2021 06:07:05 PM IST

भागवत कथा के छठे दिन गुरुवार को आयोजित हुआ रासलीला पूजा, बाल लीलाओ का कथा प्रसंग विस्तार से सुनाया गया

- फ़ोटो

PURNIA : पूर्णिया के ई होम्स पनोरमा में आयोजित सात दिवसीय श्री-श्री 1008 श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के षष्ठम दिन दिन गुरूवार को कथा वाचक गुप्तेश्वर पांडे जी महाराज ने कृष्ण की बाल लीलाओ के कथा प्रसंग विस्तार से सुनाए। श्री-श्री 1008 श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में आकृति-झांकी के माध्यम से दिखाई गई। 



भगवान श्री कृष्ण के प्रवंचन में गुप्तेश्वर जी महाराज ने बाल लीलाओ का सुंदर वर्णन किया। इस दौरान उन्होने कहा कि हमें अपने जीवन में भगवान की भक्ति पूजा-पाठ एवं धार्मिक कर्त्तव्य को भी स्थान देना चाहिए। नित्य प्रति हम अपने जीवन का प्रत्येक दिन कुछ न कुछ सत्कर्म में लगायें। 



भगवान के पूजा-पाठ में लगाए। इसमें हम सभी का पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक जीवन के साथ साथ हमारा मूल उद्देश्य भगवान की भक्ति कर अंत में भगवान के चरणों में समाहित हो जाना है। वह कहीं न कहीं किसी क्षण फलीभूत हो सकेगा।