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भामाशाह की जयंती में नीतीश का ललन पुराण: मंच से क्यों सुनानी पड़ी ललन सिंह से अपने पौराणिक रिश्ते की कहानी, अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का किया नामाकरण

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR EXCLUSIVE Updated Sun, 23 Apr 2023 04:15:54 PM IST

भामाशाह की जयंती में नीतीश का ललन पुराण: मंच से क्यों सुनानी पड़ी ललन सिंह से अपने पौराणिक रिश्ते की कहानी, अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का किया नामाकरण

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PATNA: जेडीयू ने संभवतः पहली दफे भामाशाह जयंती समारोह मनाया। जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में भामाशाह जयंती समारोह मनी। नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे लेकिन इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से अपने पौराणिक रिश्ते की कहानी सुनानी पड़ी। बिहार के मुख्यमंत्री भामाशाह जयंती समारोह में जिस तरह से ललन सिंह से अपने रिश्ते की कहानी सुना रहे थे, उससे सवाल भी उठा क्या जेडीयू में सब ठीक है?


इन्हें राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह नहीं ललन बाबू कहिये जेडीयू के भामाशाह जयंती समारोह में वहां मौजूद अपने पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को कहा “हमलोगों के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन बाबू हैं, उन्हें ललन बाबू कहिये. इ राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का क्या मतलब है. हमसे दोस्ती आज है इनको. “पौराणिक” दोस्ती है न जी. बताइये, हमरा इनका दोस्ती है 1985 का. आप समझ लीजिये. तब से इनसे दोस्ती है हमारा. हम तो इनको ललन जी जानते हैं. त आप लोग ललने बाबू कहना. अइसा नहीं. इ त नाम रखे हुए हैं न त छपता है राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह. लेकिन हमलोग कहेंगे, आप लोग इनको ललन बाबू कहा कीजिये. इ ललने बाबू हैं.”


वैसे इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने अपने एक और दोस्त ललन सर्राफ की भी कहानी सुनायी. ललन सर्राफ जेडीयू के विधान पार्षद औऱ कोषाध्यक्ष हैं. नीतीश ने कहा कि जेपी आंदोलन के आंदोलन के समय जब वे भागलपुर जेल में गये थे तो वहां ललन सर्राफ से दोस्ती हुई थी. उसके बाद से आज तक दोस्ती कायम है. नीतीश कुमार बोले-ललन सर्राफ पढ़ते थे भागलपुर में लेकिन घर मधेपुरा में है. आज भी जब मैं मधेपुरा जाता हूं तो ललन सर्राफ के घर में रूकता हूं।


बिहार के मुख्यमंत्री ने ललन सर्राफ के बारे में डिटेल जानकारी भी दी. बताया कि ललन सर्राफ भामाशाह की जयंती मना रहे हैं. वर्षों-वर्षों से इनका मेरा पुराना रिश्ता है. लेकिन इनके साथ किनका-किनका रिश्ता है ये आपलोगों को मालूम है न. ये (ललन सर्राफ) श्रीमती सुधा श्रीवास्तव की बेटी से बियाह किये हैं. और सुधा श्रीवास्तव कौन. जेपी की भगिनी. आप इनका जान लीजिये. भामाशाह का मना रहे हैं लेकिन इनका रिश्ता जेपी के परिवार से भी है।


वोट नहीं मिलेगा लेकिन काम कर रहे हैं

नीतीश कुमार ने कहा कि ललन सर्राफ भामा शाह की जयंती मना रहे हैं लेकिन इनके कहने पर उस समाज के लोग हमको थोडे ही वोट दे देंगे. वे वोट कहीं और देते हैं. लेकिन फिर भी हम उनके लिए काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में महापुरूषों को सम्मान हमने दिया औऱ अब दिल्ली वाले आकर कार्यक्रम कर रहे हैं. वीर कुंवर सिंह को हमने सम्मान दिया. दिल्ली वालों ने उन्हें देश स्तर पर क्यों नहीं सम्मान दिया. लेकिन यहां आकर उनके नाम पर कार्यक्रम कर लोगों को भरमा रहे हैं।