शराबबंदी वाले बिहार में शराब की बड़ी खेप बरामद, शराब तस्कर महेश राय गिरफ्तार वैशाली से बड़ी खबर: दलान से घर लौट रहे बुजुर्ग को मारी गोली SAHARSA: ई-रिक्शा को ट्रक ने मारी टक्कर, पलटने से महिला की मौत; शादी समारोह में शामिल होने जा रही थी मृतका ARRAH: कोइलवर में डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए अनोखी पहल, उद्योगपति अजय सिंह और देवनारायण ब्रह्मचारी जी महाराज रहे मौजूद जब नीतीश के गांव में जाने की नहीं मिली इजाजत, तब बिहारशरीफ में गरजे प्रशांत किशोर, कहा..आज भ्रष्टाचार की कलई खुल जाती Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित BIHAR: कार साइड लगाने को लेकर बारात में बवाल, दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट-फायरिंग Life Style: पिंक सॉल्ट सफेद नमक से कैसे है अलग, शरीर के लिए कौन है अधिक फायदेमंद? Bihar School News: कैसे पढ़-लिखकर होशियार बनेंगे बिहार के बच्चे? हेडमास्टर ने नदी में फेंक दी किताबें
1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Dec 2020 08:29:46 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: किसानों के नाम पर भारत बंद बुलाया गया था, लेकिन इस दौरान बिहार में कई जगहों पर राजनीतिक दलों के समर्थकोंं की गुंडागर्दी देखने को मिली. हद तो तब हो गई जब एक बीमार बच्ची को हॉस्पिटल तक जाने नहीं दिया. जिससे बीमार बच्ची की इलाज के अभाव में मौत हो गई. यह घटना समस्तीपुर के मुसरीघरारी चौराहे के पास की है.
डॉक्टरों ने सदर हॉस्पिटल किया था रेफर
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि पटोरी थाने के हवासपुर निवासी सिकंदर मांझी की डेढ़ साल की बेटी सनाया की अचानक तबीयत खराब हो गई. उससे परिजन आनन-फानन में उसे पटोरी अनुमंडल हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए सदर हॉस्पिटल रेफर कर दिया.
हाथ जोड़ने के बाद भी नहीं दिया रास्ता
परिजन बच्ची को लेकर एक बोलेरो से हॉस्पिटल से लेकर जा रहे थे. लेकिन बंद समर्थकों ने रोक दिया. परिजनों ने हाथ जोड़कर आग्रह और विनती की,लेकिन बंद के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बोलेरो को जाने नहीं दिया. परिजनों ने प्रशासन से भी मदद की गुहार लगाई फिर भी कोई मदद नहीं मिली. जिससे इलाज के अभाव में बच्ची की मौत हो गई.
बच सकती थी बच्ची की जान
बच्ची के परिजनों ने कहा कि अगर रोका नहीं जाता और बच्ची का हॉस्पिटल में इलाज होता तो बच्ची की जान बच सकती थी. लेकिन नेताओं ने रास्ता रोक दिया. बेबस परिजन मासूम का शव लेकर घर पहुंचे. इसके बारे में पुलिस और प्रशासन ने हाथ खड़ा कर लिया और कहा कि इस तरह की कोई घटना की जानकारी नहीं है.