PATNA : केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान पर सबसे गंभीर आरोप लगाया है. पारस ने कहा है कि उनके उपर एसिड अटैक कराया गया. पारस ने कहा कि उन्हें भगवान ने बचा लिया वर्ना उनकी हत्या हो जानी थी. पारस बोल रहे हैं कि सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि उनकी कई समर्थकों को भी चिराग पासवान और उनके आदमियों से खतरा है. पशुपति कुमार पारस आज नीतीश कुमार से मिले और अपने लिए खास सुरक्षा बंदोबस्त करने की मांग की.
8 दिन बाद एसिड अटैक का आरोप
दरअसल पशुपति कुमार पारस केंद्र में मंत्री बनने के बाद पहली दफे 23 अगस्त को बिहार आये थे. उसी दिन वे अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर गये थे जहां उनका विरोध भी हुआ था. उस दौरन पशुपति पारस और उनके समर्थकों के उपर जला हुआ मोबिल फेंकने के बात सामने आयी थी. पारस ने आज ये रहस्योदघाटन किया कि वो जला हुआ मोबिल नहीं बल्कि एसिड था.
पशुपति पारस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 23 अगस्त को उनकी जान लेने की साजिश थी. हाजीपुर में उनके स्वागत में जितनी भीड उमडी उससे स्व. रामविलास पासवान के दौर की याद दिला दी. उसी से बौखला कर उनकी हत्या की साजिश रची गयी. पारस ने कहा कि 23 अगस्त को उनके उपर मोबिल नहीं बल्कि एसिड फेंका गया था. वह तो भगवान ने बचा लिया वर्ना उनकी जान चली जाती. पारस का कहना है कि मोबिल की तरह का एसिड उनके कपडे के उपर जहां पड़ा था वह फट गया है. इससे ही साफ होता है कि वह मोबिल नहीं एसिड था.
नीतीश से मांगी सुरक्षा
पशुपति पारस आज नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे. वैसे मुलाकात का कारण बताया गया था कि पारस अपने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का दफ्तर बिहार में खुलवाना चाहते हैं. वे मुख्यमंत्री से मिलकर जमीन और मकान देने को कहेंगे. लेकिन पारस वहां अपने उपर हुए कथित एसिड अटैक की बात लेकर बैठे. उन्होंने न सिर्फ हाजीपुर के वाकये की जांच कराने की मांग की बल्कि अपनी सुरक्षा का बेहतर बंदोबस्त कराने को भी कहा. नीतीश ने उन्हें आश्वासन मिला है.
चिराग पर गंभीर आऱोप
पारस पहले ही कह चुके हैं कि उनके भतीजे चिराग पासवान के समर्थकों ने उनके उपर हमला कराया. वे बता चुके हैं कि उनके हाजीपुर दौरे से एक दिन पहले ही इसकी साजिश रची गयी थी. हाजीपुर के राजापाकड़ बाजार में मटन-चावल औऱ दारू की पार्टी हुई थी और वहीं सारी प्लानिंग की गयी थी.
वैसे चिराग पासवान पूरे मामले की जांच कराने की चुनौती दे चुके हैं. चिराग ने कहा है कि दिल्ली से लेकर बिहार तक पारस जी और उनके सहयोगियों की सरकार है. वही सरकार अपनी पुलिस या दूसरी एजेंसी से जांच कराये कि पारस जी पर कैसे हमला हो गया. अगर पारस जी पर हमला हुआ है तो इससे साबित होता है कि बिहार में लॉ एंड आर्डर नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है.