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1st Bihar Published by: Updated Tue, 25 Jan 2022 08:43:44 AM IST
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MUNGER : बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार बड़े-बड़े वादे करती है। हर दिन नई योजनाओं के साथ मंत्री से लेकर अधिकारी तक अपनी तस्वीरें खिंचवाते हैं लेकिन बिहार के अंदर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का हाल यह है कि आज भी सिस्टम स्ट्रेचर पर सिसक रहा है। बिहार के सरकारी अस्पतालों से कुव्यवस्था की तस्वीर कोई पहली बार सामने नहीं आई है लेकिन मुंगेर से जो नई तस्वीर सामने आई वो यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर जनता की गाढ़ी कमाई स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च करने का दावा करने वाली सरकार अब तक जनता को ही सुविधाएं क्यों नहीं मुहैया करा पा रही।
मुंगेर सदर अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का दावा तो किया जाता है लेकिन हकीकत यह है कि गंभीर मरीज को भी परिजन खुद स्ट्रेचर पर लिटाकर अल्ट्रासाउंड और दूसरे जांच कराने के लिए ले जाते हैं। सोमवार को ऑक्सीजन सिलिण्डर के साथ मरीज को ले जाते परिजनों की तस्वीर इसी अस्पताल से सामने आई हैं। सोमवार दोपहर आईसीयू वार्ड में 17 जनवरी से एडमिट 14 साल की बच्ची माही कुमारी को डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड के साथ-साथ ब्लड टेस्ट कराने को कहा।
इसके बाद मरीज के परिजन ने वहां मौजूद नर्स से जानकारी ली कि कहां और कैसे जांच कराएं। नर्स ने स्टाफ की कमी का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। आखिरकार परिजन बच्ची को खुद स्ट्रेचर पर लेकर हाथ में ऑक्सिजन लिए टेस्ट कराने को भागते रहे। बताया गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिण्डर को इधर-उधर ले जाने के लिए ट्राली है, वार्ड में भर्ती मरीजों को सहयोग करने के लिए स्टाफ भी तैनात हैं। लेकिन उनकी तरफ से कोई मदद नहीं कि जाती।
नर्स ने परिजन से कहा कि यहां वार्ड ब्वाय नहीं है खुद मरीज को अल्ट्रासाउंड कराने ले जाइए। मुंगेर सदर अस्पताल में इस कुव्यवस्था पर सरकार कोई नोटिस लेगी इसमें भी संदेह नजर आ रहा है।