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Bihar Caste Census: जातीय जनगणना पर HC में आज फिर होगी सुनवाई, जानें अबतक क्या-क्या हुआ?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Jul 2023 07:55:12 AM IST

Bihar Caste Census: जातीय जनगणना पर HC में आज फिर होगी सुनवाई, जानें अबतक क्या-क्या हुआ?

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PATNA : बिहार में जाति आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट में आज यानी बुधवार को फिर से सुनवाई होनी है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सार्थी के खंडपीठ में हो रही है। इस मामले पिछले दो दिनों से सुनवाई चल रही है। इसके बाद अब आज भी इस मामले में सुनवाई होनी है।


इससे पहले इस मामले में सुनवाई को लेकर याचिकाकर्ताओं की ओर से चार अहम मुद्दे दर्ज कराए गए हैं। जिसमें  जन-गणना के दौरान जातियों का नाम बदलना, उप-जातियों को जाति के रूप में दिखाना, किन्नर को जाति बताना, सिखों की जाति नहीं निर्धारित करना है। फिलहाल ये मामले अनछुए हैं। फिलहाल कोर्ट सरकार की दलील सुन रही है।


दरअसल, पटना हाईकोर्ट के तरफ से जाति आधारित गणना पर 4 मई को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए। उस वक्त तक 80 फीसदी से अधिक गणना का काम पूरा हो चुका था। हाईकोर्ट की रोक के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया था कि, यदि पटना हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई नहीं करता है तो सुप्रीम कोर्ट मामले में सुनवाई करेगा।


वहीं, इस मामले में पटना हाई कोर्ट में 3-4 जुलाई को मामले पर सुनवाई हुई और अब आज यानि  5 जुलाई को भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है, जो राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर की चीज है। यह असंवैधानिक है और समानता के अधिकार का खुला उल्लंघन है। सिर्फ केंद्र सरकार ही इस तरह का सर्वेक्षण कराने का अधिकार रखती है। 


आपको बताते चलें कि,  बिहार में 7 जनवरी से शुरू हुई गणना 15 मई को खत्म होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही 4 मई को पटना हाई कोर्ट ने इसपर रोक लगा दिया था। इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 18 मई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। बेंच ने कहा था कि इस बात की जांच करनी होगी कि सर्वेक्षण की आड़ में नीतीश सरकार जनगणना तो नहीं करा रही है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए पटना हाई कोर्ट के पास वापस भेज दिया था।