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1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Mon, 03 Apr 2023 11:02:18 PM IST
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PATNA: रामनवमी के मौके पर बिहार के दो शहरों बिहारशरीफ और सासाराम में हुई हिंसा में पुलिस और प्रशासन का कोई दोष नहीं था. दोनों जगहों पर हुई हिंसा की घटना पर देश भर में चर्चा के बाद सोमवार को राज्य सरकार ने आधिकारिक बयान जारी किया है. सरकार ने कहा है कि पुलिस प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की थी. सरकारी बयान में एक लाइन खास है- “उपद्रवियों (हिन्दू-मुस्लिम) द्वारा रोड़ेबाजी करते हुए दुकान, घर, वाहन आदि में आगजनी करते हुए फायरिंग की गई.” राज्य सरकार द्वारा सोमवार की शाम रोहतास जिले के सासाराम और नालंदा जिले के बिहारशरीफ की घटना पर विस्तृत बयान जारी किया गया है. देखिये क्या सब कहा गया है सरकारी बयान में.
सासाराम की घटना पर सरकार का बयान
सरकार ने कहा है कि 30 मार्च को रामनवमी के अवसर पर जुलूस / शोभा यात्रा सम्पन्न करायी गई. देर रात कुछ युवकों में विवाद हुआ जिसके बाद तत्काल पुलिस एवं प्रशासन ने हस्तक्षेप कर मामले को नियंत्रित औऱ शांत करा दिया गया. इसके बाद 31 मार्च को दुकानदारों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई. इशके बाद वहां के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और दूसरे पदाधिकारियों और पुलिस बल द्वारा तत्काल टनास्थल पर पहुँचकर मामले को शांत किया गया. इस सम्बन्ध में 31 मार्च को सासाराम नगर थाने में काण्ड संख्या-275/23 दर्ज की गयी. जिसमें 20 नामजद और 200-250 अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया. वहीं, आगजनी और तोड़फोड़ के आरोप में सासाराम नगर थाना में 31 मार्च को ही काण्ड संख्या-276/23 दर्ज किया गया है. इन मामलों में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और 32 अभियुक्तो को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है.
बम विस्फोट का दंगे से कोई संबंध नहीं
राज्य सरकार ने दावा किया है कि इन घटनाओं से अलग सासाराम में बम विस्फोट की एक घटना हुई है. 1 अप्रैल की रात में विस्फोट की घटना हुई जिसमें मो० जमाल सहित 05 लोग जख्मी हो गये. इस संबंध में 2 अप्रैल को सासाराम नगर थाने में काण्ड संख्या-277/ 23 दर्ज की गयी है. बम विस्फोट में घाय हुए मो० जमाल समेत 5 लोगों का ईलाज पुलिस की निगरानी में वाराणसी में चल रहा है. सरकार कह रही है कि सांप्रदायिक हिंसा के दौरान सासाराम में हुई बम विस्फोट की घटना एक अपराधिक घटना है. इसका रामनवमी जुलूस के बाद भड़की हिंसा से कोई कोई सम्बन्ध नहीं है.
राज्य सरकार ने कहा है कि सारे मामलों की जांच की जा रही है. फोरेंसिक एक्सपर्ट को सासाराम भेजा गया है. वहीं, रोहतास के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में फ्लैग मार्च किया जा रहा है. शाहाबाद रेंज के डीआईजी प्रभावित इलाकों में गश्ती कर रहे है. घटनास्थल पर पर्याप्त संख्या में दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और बल तैनात है. पुलिस ने स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया है. वहां केन्द्रीय बल और राज्य के B.S.A.P के साथ साथ जिला पुलिस की काफी संख्या में तैनाती की गयी है. सरकार हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त भवन और सम्पत्ति का आकलन कर मुख्मावजा देने की प्रक्रिया में लगी है.
नालन्दा में हिन्दू मुस्लिम दोनों ने उपद्रव किया
राज्य सरकार ने नालन्दा जिले बिहारशरीफ में हुई हिंसा पर भी बयान जारी किया है. सरकार ने कहा है कि रामनवमी शोभा यात्रा / जुलूस निर्धारित था और इसके सभी तरह की तैयारियों की गई थी. प्रशासन ने इसके लिए सभी जुलूस को अनुज्ञप्ति निर्गत किया था और शांति समिति की बैठक की थी. 31 मार्च को रामनवमी के सभी जुलूस घूमते हुए लहेरी थानान्तर्गत गगन दीवान मुख्य सड़क होते हुए विसर्जन हेतु मणिराम बाबा अखाड़ा जा रहे थे. जुलूस में काफी संख्या में लोग शामिल थे. जुलूस के गगन दीवान मुहल्ला के समीप पहुँचने पर असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थर फेंका गया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ.
सरकार ने कहा है कि इसके बाद उपद्रवियों (हिन्दू-मुस्लिम) द्वारा रोड़ेबाजी करते हुए दुकान, घर, वाहन आदि में आगजनी करते हुए फायरिंग की गई. इस घटना में गोली लगने से गुलशन कुमार, शकील अहमद तथा मो० ताज और रोड़ेबाजी से 17 लोग जख्मी हो गये. लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस तत्पर थी और उसने तत्परता के साथ मामले को अपने नियंत्रण में लेते हुए सभी शोभा यात्रा को विसर्जित कराया.
इसके बाद 1 अप्रैल को फिर से अफवाह फैली जिसके कारण रोड़ेबाजी और गोलीबारी की घटना घटित हुई. इसमें छर्रा लगने से 3 लोग जख्मी हो गये. छर्रा लगने से घायल शकील अहमद को बेहतर इलाज के लिए पी०एम०सी०एच०, पटना रेफर किया गया है. वहीं, मो० ताज के हाथ में गोली लगी है, जो खतरे से बाहर है. सरकार ने सभी जख्मी लोगों के बेहतर ईलाज का इन्तजाम किया लेकिन गोली लगने से घायल गुलशन कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गयी. पुलिस दोषियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई कर रही है. सरकार ने मृतक के परिजन को 5 लाख रूपये मुआवजा दिया है.
नालंदा में उपद्रवियों पर कुल 15 केस दर्ज हुए है जिसमें 138 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. पटना रेंज के आईजी, नालंदा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक प्रभावित इलाकों में गश्ती कर रहे है. सभी संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त संख्या में दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और बल प्रतिनियुक्त किया गया है. पुलिस ने जरूरी कार्रवाई कर स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया है. बिहारशरीफ में भी काफी संख्या में केन्द्रीय बल, राज्य B.S.A.P और जिला बल की तैनाती की गयी है. सरकार क्षतिग्रस्त भवन और सम्पत्ति का आकलन कर मुआवजा देने की प्रक्रिया में लगी है.