PATNA: सरकारी कार्यक्रमों में धर्म और जाति पर लगातार विवादास्पद टिप्पणी करने से लेकर दूसरे मामलों में अक्सर विवादों में रहने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के दावे को उनकी अपनी सरकार ने ही झुठला दिया है. बिहार के शिक्षा मंत्री ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव को लेकर जो दावा किया था उससे राज्य के मुख्य सचिव ने सरासर गलत करार दिया है. बता दें कि इससे पहले खुद नीतीश कुमार खुद शिक्षा मंत्री की बातों पर आपत्ति जता चुके हैं. लेकिन तेजस्वी के बेहद करीबी माने जाने वाले चंद्रशेखर पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.
पूरा मामला समझिये
मामले की शुरूआत 27 जून को हुई थी. नीतीश कैबिनेट ने अचानक से शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव कर दिया. सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति में पूरे देश के लोगों को आवेदन करने की छूट दे दी थी. इसके बाद बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अजीब सी दलील दे दी. चंद्रशेखर ने कहा कि बिहार के छात्र योग्य ही नहीं हैं. उन्होंने कहा कि साइंस में, मैथ में, फिजिक्स में, केमेस्ट्री में, अंग्रेजी में बिहार में सक्षम छात्र नहीं मिल पाते हैं, जो सही तरीके से पढ़ा सकें. तभी हमारे यहां साइंस टीचर की रिक्तियां रह जाती हैं. अभी हम प्रधानाध्यक की नियुक्ति कर रहे थे तब भी सक्षम लोग नहीं मिले. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार में बेहतरीन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षक आयें इसलिए सबके लिए नियुक्ति को खोल दिया गया है.
मुख्य सचिव ने मंत्री की बातों को झुठलाया
आज बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस कांफ्रेंस में शिक्षा मंत्री की बातों को गलत करार दिया. मुख्य सचिव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे ऐसा नहीं मानते कि बिहार में योग्य छात्र नहीं हैं. मुख्य सचिव ने कहा- बिहार के हर स्कूल, कॉलेज, इंटर कॉलेज में साइंस और मैथ की पढ़ाई है. बिहार के युवा साइंस औऱ मैथ में देश में अग्रणी हैं. आईआईटी की परीक्षा में, एनआईटी की परीक्षा में, मेडिकल की परीक्षा में उच्च रैंक लाते हैं. बड़ी संख्या में बिहार के छात्र साइंस और मैथ स्कूल और कॉलेज में पढ़ने के बाद इंजीनियर, डॉक्टर औऱ सिविल सर्वेट बनते हैं. ये बिल्कुल गलत है कि बिहार में मैथ, साइंस के जानकार अभ्यर्थियों की कमी है. ऐसा बिल्कुल नहीं है.
बता दें कि मंत्री चंद्रशेखर के बयान से बिहार के युवाओं में खासी नाराजगी थी. आज मुख्य सचिव से बयान दिलवा कर उन्हें शांत करने की कोशिश की गयी है. वैसे भी बिहार के शिक्षा मंत्री लगातार विवादों में रहे हैं. शिक्षक नियुक्ति पर उनके बयानों से नाराज नीतीश कुमार ने विधानसभा में उन्हें नियम-कानून के मुताबिक बोलने की नसीहत दी थी. वहीं, सरकारी कार्यक्रमों में धर्म और जाति को लेकर उनके बयानों पर अक्सर विवाद होता रहा है. लेकिन चंद्रशेखर तेजस्वी यादव की निजी पसंद माने जाते रहे हैं. लिहाजा उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ.