MUZAFFARPUR: दो कुख्यात अपराधियों की 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति होगी जब्त, कोर्ट का सख्त आदेश मधुबनी में दो सगे भाईयों की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, बेलगाम ट्रक ने दोनों को रौंदा MUZAFFARPUR: ज्वेलरी शॉप लूटकांड मामले का खुलासा, लूटे गये आभूषण के साथ मां-बेटा गिरफ्तार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के सामने झुक गया पाकिस्तान, रोहित सिंह बोले..देश को अपने प्रधानमंत्री और सेना पर गर्व अरवल में 2 थानेदार का तबादला: मानिकपुर और SC/ST थाने की सौंपी गई जिम्मेदारी GOPALGANJ: गंडक नदी से मिला लापता व्यवसायी का शव, हत्या की आशंका जता रहे परिजन गया में महिला की इलाज के दौरान मौत, गुस्साए परिजनों ने किया जमकर हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी India Pakistan Ceasefire: युद्ध विराम पर मुकेश सहनी ने PAK को दी सलाह, कहा..अब पाकिस्तान को आतंकवादियों के सफाए की लड़ाई लड़नी चाहिए
1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Tue, 19 Oct 2021 10:33:16 AM IST
- फ़ोटो
BEGUSARAI : बिहार में पंचायत चुनाव का दौर जारी है. ऐसे में वोटिंग के समय बूथ लूटने जैसे कई मामले सामने आते रहते हैं. लेकिन इस बार बेगूसराय से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल, प्रशासन ने चार मासूम बच्चों पर बूथ लूटने का मुकदमा दर्ज किया है. अब ये बच्चे एसडीओ की कोर्ट में हाजिरी लगाने पहुंच रहे हैं.
दरअसल, बेगूसराय के सदर प्रखंड के राजौड़ा में पंचायत चुनाव के दौरान बच्चों से बूथ लूटने, वोटरों को धमकाने और विधि व्यवस्था को प्रभावित करने का खतरा बना हुआ है. ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि जिला प्रशासन की फाइलों में दर्ज कागजात कह रहे हैं. इन कागजातों में चार से पांच मासूम बच्चों पर चुनाव को प्रभावित करने, वोटरों को धमकाने जैसे कई आरोप लगाए गए हैं. इन बच्चों को अब कोर्ट में हाजिरी लगानी पड़ रही है, जिससे न सिर्फ बच्चे बल्कि परिजन भी परेशान हैं.
बताते चले कि बेगूसराय प्रखंड में हाल के दिनों में पंचयात चुनाव होने वाला है. इसके लिए जिला प्रशासन निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए वो तमाम तरह की व्यवस्था कर रहा है जिससे शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सम्पन्न हो सके, पर इसमें खास बात ये है कि इन तैयारियों में कितनी पारदर्शिता और कानून संगत है इसका एक जीता जागता नमूना सामने आया है. यहां चार से पांच नाबालिग बच्चों को कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया.
इन बच्चों द्वारा पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा करने बूथ लूटने, मतदाता को डराने, धमकाने, खून-खराबा करने की पूर्ण संभावना जताई गई है. इतना ही नहीं इनपर शांति भंग और विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने और चुनाव कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो सकने की संभावना व्यक्त की है. ये नोटिस मिलने के बाद इन बच्चों को संबंधित कोर्ट में हाजिर भी कराया गया.
इस पूरी घटना को प्रशासनिक चूक का नतीजा माना जा रहा है जिसके कारण पूरा परिवार मानसिक पीड़ा के साथ-साथ डरा सहमा है. पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि यह दुश्मनों की चाल है जिसके कारण उनके बच्चों का भविष्य खराब किया जा रहा है. परिजनों ने बताया कि कुछ लोगों से मामूली मारपीट के विवाद में दुश्मनों ने मुफस्सिल थाना पुलिस अधिकारी के साथ मिलकर साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया है.
परिजनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जो भी पुलिस पदाधिकारी के द्वारा इस तरह की लापरवाही की गई है, उन पदाधिकारी पर जिला प्रशासन कार्रवाई करे ताकि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो.
इस मामले में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजौड़ा के रहने वाले स्वर्गीय मनन राय के 7 वर्षीय बेटे सूर्यस कुमार, सिकंदरपुर राजौड़ा के रहने वाले शुभम कुमार के 8 वर्षीय पुत्र सौरभ कुमार, राजौड़ा के ही रहने वाले मुरलीधर पोद्दार के 8 वर्षीय पुत्र अजय कुमार, मुरलीधर पोद्दार और 9 वर्षीय बेटे विजय कुमार शामिल हैं. फिलहाल प्रशासनिक चूक की इस घटना की हर तरफ चर्चा हो रही है.