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1st Bihar Published by: Updated Fri, 16 Jul 2021 08:37:37 PM IST
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BETTIAH : पश्चिम चंपारण के देउरवा और आस-पास के गावों में जहरीली शराब के मामले में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. आज 8 और लोगों की मौत की बात सामने आयी है. गांव में पहुंच रहे तमाम मीडिया वालों से ग्रामीण चीख-चीख कर कह रहे हैं कि जहरीली शराब पीने से तमाम मौत हुई. आज जब खबर फैली और सरकार की करारी फजीहत हुई तो प्रशासन का सारा अमला गांव में पहुंचा. प्रशासन कह रहा है कि ज्यादातर लोगों की मौत कैसे हुई ये पता ही नहीं चल पा रहा है. वैसे कार्रवाई के नाम पर दो चौकीदारों को सस्पेंड कर दिया गया है. गौर करने वाली बात ये भी है कि प्रशासन ने ये भी पुष्टि की है कि गांव में अवैध शराब बेची जा रही थी.
फजीहत के बाद प्रशासन की कवायद
पश्चिम चंपारण के देउरवा गांव में पिछले चार दिनों से मौत हो रही थी. शुक्रवार को खबर सामने आयी. पूर्ण शराबबंदी का दावा कर रहे नीतीश कुमार के दावों की पोल फिर खुली. सरकार की जब फजीहत हुई तो पश्चिम चंपारण का पूरा प्रशासनिक अमला गांव में पहुंच गया. जिले के डीएम, एसपी, डीडीसी, एसडीएम, डीएसपी, एडीएम, आपदा प्रभारी एक साथ गांव में पहुंचे. पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. प्रशासन औऱ पुलिस की टीम ने देउरवा गांव के हरेक घर को अपने घेरे में ले लिया. हर आदमी को घर से बाहर निकाला गया.
शराब पीने से नहीं तबीयत खराब होने से मर गये लोग
बेहद दिलचस्प बात ये है कि प्रशासन को देउरवा गांव में किसी के शराब पीने से मरने की बात पता ही नहीं चली. पिछले चार दिनों में इस गांव के रामवृक्ष चौधरी प्रदीप साह, बिकाऊ साह और भगवान पाण्डा की मौत हो गयी है. बगल के जोगिया गांव में सुरेश साह, नईम हजाम, वशिष्ठ सोनी की मौत हुई है. वहीं बगही गांव के रतुल मिस्त्री की मौत हो चुकी है. बेतिया के डीएम ने दावा किया है कि इन तमाम मरने वालों में किसी के परिजन ने ये नहीं बताया कि जहरीली शराब से मौत हुई है.
बेतिया के डीएम ने कहा कि मृतकों के सारे परिजनों से कहा गया कि वे बगैर किसी दबाव के जानकारी दें और बिना दबाव के उन्होंने ये जानकारी दी कि किसी ने शराब नहीं पी थी. सारे की मौत तबीयत खराब होने से हुई है. डीएम के मुताबिक बगही गांव में मरने वाले रतुल मिस्त्री के परिजनों ने डॉक्टर का पुर्जा दिखाया कि वे डायलिसिस पर थे. मरने वाले लतीफ साह के परिजनों ने भी बताया कि वे पहले से बीमार थे. बाकी सब ने कहा कि तबीयत खराब होने से मौत हुई है. हालांकि किसी के पास तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टरी जांच का कोई पुर्जा नहीं था.
कुछ ही देर में खुल गयी कलई
दरअसल जहरीली शराब पीने के बाद गंभीर रूप से बीमार हुए मुमताज मियां नाम के व्यक्ति का इलाज बेतिया के निजी अस्पताल में किया जा रहा है. प्रशासन की टीम वहां पहुंची तो मुमताज मियां के भाई भोला ने बताया कि जहीरीली शराब पीने के बाद ही तबीयत बिगड़ी. भोला ने बताया कि देउरवा गांव में ठग साह नाम का व्यक्ति अवैध शराब का धंधा करता है. वहीं सब लोगों ने शराब पी थी, जिसके बाद तबीयत बिगडी.
शुक्रवार को देउरवा और बगल के गावों में 8 और लोगों की मौत हो गयी. मरने वालों में सबेया गांव का भुट्टु मियां, तेज मोहम्मद और जवाहिर मियां, डुमरा गांव का जुलफान मियां, जोगिया गांव का हीरालाल डोम, बसवरिया गांव का अमिरूल साह, गबनाहा गांव का इजहारूल अंसारी और झुन्ना मियां का नाम सामने आया. डीएसपी औऱ एसडीएम की टीम जब वहां पहुंची तो चार मृतकों के परिजनों ने स्वीकार किया कि जहरीली शराब पीने के बाद ही मौत हुई है. प्रशासन कह रहा है कि बाकी चार मृतकों के परिजनों ने नहीं बताया कि शराब पीने से मौत हुई है. हालांकि मृतकों में से किसी के परिजन के पास कोई डॉक्टरी इलाज का पुर्जा नहीं था.
कलई खुल जाती लिहाजा कोई शव नहीं मिला
बेतिया जिला प्रशासन ने जहरीली शराब कांड को लेकर जो प्रेस बयान जारी किया है उसे पढ़ लीजिये “कुल 16 संदिग्ध मौत की सूचना संज्ञान में आई। इसमें से दो मृतक बिकाउ साह एवं रतुल मिस्त्री की मृत्यु लम्बी बीमारी के कारण होना परिजनों तथा ग्रामीणों से ज्ञात हुआ. इनके परिजनों के द्वारा मेडिकल पुर्जा भी प्रस्तुत किया गया। शेष 14 मृतकों में से 04 अन्य मृतकों के परिजन द्वारा जहरीली शराब पीने से मृत्यु होना स्वीकार किया गया. शेष मृतक के परिजनों द्वारा शराब की बात नहीं स्वीकार की गई. किंतु ग्रामीणों के द्वारा शराब पीने से तबीयत बिगड़ने के उपरांत मृत्यु होने की बात बताई गई है.“
प्रशासन का प्रेस रिलीज ही बता रहा है कि मामला क्या है. ग्रामीण चीख चीख कर कह रहे हैं कि जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. लेकिन प्रशासन कह रहा है कि सभी मृतक के शवों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा पहले ही कर दिया गया है और इसकी खबर प्रशासन को नहीं दी गयी. न शव है लिहाजा न पोस्टमार्टम होगा औऱ ना ये बात सामने आयेगी कि जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी.
16 मौत के दोषी दो चौकीदार
जिला प्रशासन कह रहा है कि चूंकि मरने वाले चार लोगों औऱ अस्पताल में इलाज के भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि जहरीली शराब पीने से ये सब हुआ, लिहाजा लौरिया थाने में एक केस दर्ज किया गया है. प्रशासन के मुताबिक केस दर्ज करने के बाद रात से ही छापेमारी शुरू कर दी गयी है. पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. देउरवा गांव में जिस ठग साह को शराब का कारोबारी बताया जा रहा है पुलिस ने उसके 22 साल के बेटे सुमित को गिरफ्तार किया है.
दिलचस्प बात ये है कि किसी थाना क्षेत्र में शराब मिलने या बिक्री होने के बाद थानेदार पर कड़ी कार्रवाई का एलान करने वाली सरकार ने 16 मौत के बाद दो चौकीदारों नसरूल्लाह औऱ जयराम राम को निलंबित किया है. थानेदार, डीएसपी, एसपी, डीएम सब महफूज हैं.