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1st Bihar Published by: Updated Thu, 04 Aug 2022 09:58:26 PM IST
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PATNA : डीएम, कमिश्नर जैसे अहम पदों पर रहकर करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाने के आरोपी रहे बिहार के एक आईएएस अधिकारी की संपत्ति जब्ती के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने चार्जशीट दायर कर दिया है. ED ने आईएएस अधिकारी के साथ साथ बिहार प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी और दो अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है. ईडी ने कहा है कि इन सभी लोगों ने मिलकर अवैध संपत्ति बनाने के लिए करोड़ों की हेराफेरी की. ईडी ने पहले ही उनकी लगभग 2 करोड़ 60 लाख रूपये की संपत्ति जब्त कर ली थी. अब उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर कर दी गयी है.
इन अधिकारियों के खिलाफ दायर हुई चार्जशीट
ईडी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी सैंथिल कुमार के साथ साथ बैद्यनाथ दास, के. अयप्पन और बिमल कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी है. निगरानी विभाग ने इन चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इस केस में कहा गया था कि के. सेथिंल कुमार ने पटना नगर निगम का कमिश्नर रहते निगम के अपर आयुक्त बैद्यनाथ दास और दूसरे लोगों के साथ मिलकर अवैध संपत्ति कमायी थी. इससे बिहार सरकार को 8 करोड़ 76 रूपये का नुकसान हुआ था. कें. सेंथिल कुमार और बैद्यनाथ दास के अलावा जिनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी है उनमें शामिल विमल कुमार सरकारी ठेकेदार हैं तो के. अयप्पन आईएएस अधिकारी सेंथिल कुमार के भाई हैं.
के. सेंथिल कुमार ने बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति बनायी
ED की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस मामले की जांच विजलेंस ने शुरू की थी. दरअसल एक दशक पहले पटना नगर आयुक्त रहने के दौरान सेंथिल घोटाले में फंसे थे. तब निगरानी ब्यूरो ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसी मामले में ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी. इस जांच में पाया गया कि बिहार के आईएएस के. सेंथिल कुमार ने मुंगेर के डीएम और पटना नगर निगम के कमिश्नर रहते बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति बनायी थी.
ईडी ने प्रारंभिक जांच के बाद ही आईएएस के. सेंथिल कुमार की 2.51 करोड़ की संपत्ति पहले ही जब्त कर ली थी. के. सेंथिल कुमार की अवैध संपत्ति पटना से तमिलनाडु तक मिली थी. ईडी ने सेंथिल कुमार की जिन सपंत्तियों को जब्त किया था उनमें पटना के नागेश्वर कॉलोनी में जयश्री अपार्टमेंट स्थित फ्लैट के अलावा तमिलनाडु में जमीन के दर्जनों प्लॉट और मकान शामिल थे.
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि आईएएस के. सेंथिल कुमार ने एक ठेकेदार को मोहरा बनाकर अकूत संपत्ति हासिल की. अवैध पैसे कमाकर उसे खपाने के लिए खास तरीका अपनाया गया था. सेंथिल कुमार के भ्रष्टाचार की कहानी की उसी वक्त शुरू हो गयी थी जब वे मुंगेर के डीएम थे. वहीं सेंथिल कुमार ने क्लास वन ठेकेदार विमल कुमार से सांठगांठ कर उसे काली कमाई का जरिया बना लिया. सेंथिल को आ रहे अवैध पैसे को खपाने के लिए सेंथिल के भाई के. अयप्पन ने पटना में सुधा सुपर मार्केट और चेन्नई कैफे खोली. इन दोनों फर्म में सेंथिल के साझीदार ठेकेदार विमल कुमार ने मोटी राशि का ट्रांजेक्शन किया था. बाद में सेंथिल को पटना का नगर आयुक्त बनाया गया लेकिन कमाई का सिलसिला जारी रहा. बाद में निगरानी विभाग ने इसमें केस दर्ज किया तो सेंथिल के भाई के दोनों फर्म बंद हो गए. सेंथिल के भाई के. अयप्पन ने तब तमिलनाडु में के. इंदिरा मेमोरियल एजुकेशनल ट्रस्ट खोला, उसे भी बिहार से मोटी रकम भेजी गयी. खास बात ये भी है ये ट्रस्ट साल 2002-03 में ही खुला लेकिन 2008 में कैश ट्रांजेक्शन किए गए.
सेंथिल की इन संपत्तियों को किया गया है जब्त
- पटना में फ्लैट जिसकी कीमत 8.26 लाख रुपए बतायी गयी है.
- तमिलनाडु में 1.97 करोड़ की लागत वाले ट्रस्ट की जमीन और मकान
- अरियालुर (तमिलनाडु) में जमीन के 35 प्लॉट जिनकी कीमत 37.84 लाख रुपए बतायी गयी है.
- के. सेंथिल कुमार और ट्रस्ट के 7 बैंक खातों में जमा 7.13 लाख रूपये.
साढ़े 12 करोेड़ से अधिक है जब्त संपत्ति की कीमत
ईडी ने आईएएस के. सेंथिल कुमार की जब्त संपत्ति की आधिकारिक कीमत 2.51 करोड़ आंकी है। हालांकि हकीकत में मार्केट वैल्यू के लिहाज से यह संपत्ति साढ़े 12 करोड़ से अधिक की है। आईएएस ने तमिलनाडु के अरियालुर में परिजनों के नाम से खरीदे गए जमीन के 35 प्लॉट की कीमत 37.84 लाख रुपए कागजों पर दर्शाई है। हालांकि, असलियत में इसकी वर्तमान कीमत 10 करोड़ से अधिक है।
शक के घेरे में ट्रस्ट भी
आईएएस अफसर के. सेंथिल कुमार का ‘के. इंदिरा मेमोरियल ट्रस्ट’ भी शक के घेरे में आ गया है। इसी ट्रस्ट की आड़ में अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा खपाए जाने के संकेत मिले हैं। साथ ही कई अन्य स्तरों पर फर्जीवाड़ा के संकेत मिले हैं। इसकी पड़ताल के लिए अगले माह ईडी की टीम तमिलनाडु जाएगी। उन्होंने तमिलनाडु में ट्रस्ट खोला था। इसका प्रबंधन उनके परिजन करते हैं। ट्रस्ट के जरिए बीएड कॉलेज व स्कूल का संचालन किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आईएएस अफसर की अकूत संपत्ति की जांच में लगी ईडी को ट्रस्ट से जुड़ी गड़बड़ियों के बाबत कई अहम जानकारी मिली है।