गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल Bihar News: अब गांव-गांव पहुंचेगी बैंकिंग सेवा, बिहार सरकार खोलेगी 144 नई शाखाएं; होगा रोजगार का श्रृजन BIHAR: राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शहीद इम्तियाज को दी श्रद्धांजलि, राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान को किया नमन Life Style: गर्मी में सेहत का असली साथी है बेल का शरबत, ये 5 फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान Punganur cow: दुनिया की सबसे छोटी पुंगनूर गाय की खूबियाँ सुनकर उड़ जाएंगे होश, ऋषि-मुनि भी इस गाय को पालते थे! Success Story: विदेश में पढ़े इस युवक ने छोले-कुलचे को बनाया ब्रांड, अब कमा रहे हैं करोडों रुपए; जानिए...अनोखी स्टार्टअप की जर्नी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 03 May 2024 07:27:13 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार हर मामले में अपनी एक अनोखी पहचान के लिए जानी जाती है। ऐसे में इस बार के लोकसभा चुनाव में एक और रोचक वाकया देखने को मिला है। सूबे के अंदर 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट में कुछ ऐसे में कैंडिडेट हैं जो डिग्रीधारी डॉक्टर हैं। हालांकि, यह लोग फिलहाल इलाज के लिए किसी अस्पताल से जुड़े हुए नहीं है। यह लोग सक्रीय रूप से राजनीति कर रहे हैं।
दरअसल, राजनीति में चिकित्सकों की भागीदारी कोई नयी बात नहीं है। कभी पटना के नामचीन डॉ. विधानचंद्र राय पड़ोसी राज्य बंगाल के मुख्यमंत्री बने तो, लोकनायक जय प्रकाश नारायण के निजी चिकित्सक रहे डॉ सीपी ठाकुर सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं। इसके बाद 17वीं लोकसभा में भी बिहार के दो चिकित्सक संसद पहुंचे। इसमें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व निवर्तमान सांसद डॉ संजय जायसवाल और गोपालगंज के मौजूदा सांसद डाॅ.आलोक सुमन का नाम शामिल है।
वहीं, अब 2024 लोकसभा चुनाव में करीब आधा दर्जन उम्मीदवार एमबीबीएस डिग्रीधारक हैं और संसद की चौखट लांघने की तैयारी में दिन रात एक किये हुए हैं। इनमें मुख्य रूप से भाजपा से डॉ.संजय जायवाल और डॉ.राजभूषण चौधरी, जदयू से डॉ. आलोक सुमन, राजद से डॉ. मीसा भारती और उनकी छोटी बहन डॉ. रोहणी आचार्या और वीआइपी से डॉ.राजेश कुशवाहा हैं।
मालूम हो कि, राजद के टिकट पर लोकसभा चुनाव में किस्मत आज रही पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो की बेटी डॉ.मीसा भारती और डॉ. रोहणी आचार्या दोनों एमबीबीएस डिग्रीधारी हैं। ये लोग महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया और बाद में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में स्थानांतरित की गयीं। यहीं से उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री ली।
राज्यसभा सदस्य डॉ. मीसा भारती इससे पहले 2014 में पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से राजद से बागी होकर भाजपा से गये राम कृपाल यादव खिलाफ चुनाव लड़ी थीं। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पुन: 2019 में भी मीसा ने पाटलिपुत्र निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा और एक बार फिर फिर चुनाव हार गयीं। अब उनकी बहन डॉ. रोहणी आचार्या पहली बार सारण लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में है। 44 साल की रोहिणी ने जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से साल 2002 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है।
उधर, तीन चुनाव से लगातार पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट से जीतने वाले भाजपा नेता डॉ. संजय जायसवाल ने एमबीबीएस और एमडी जनरल मेडिसिन तक की शिक्षा हासिल की है. डॉक्टर के रूप में समाज को उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। इस बार वे इस सीट से चुनावी मैदान में चौका मारने चौथी बार भी मैदान में हैं। 2009, 2014 और 2019 में हुए चुनावों में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी जीत हासिल की थी। उल्लेखनीय है कि यहां से इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस के टिकट पर मदन मोहन तिवारी ताल ठोक रहे हैं