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1st Bihar Published by: Updated Sat, 30 Jul 2022 02:32:28 PM IST
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PATNA : बिहार में जमीन खरीदने से ज्यादा कष्टदायी जमाबंदी कायम कराना है. अंचल कार्यालयों के रवैये के कारण काफी मशक्कत करनी पड़ती है. कहने को तो सब कुछ ऑनलाइन व पारदर्शी हैं. लेकिन, हकीकत में काफी परेशानी है. राज्यभर में करीब 20 हजार आवेदनों के अकारण रद्द किये जाने का अनुमान है. अंचलाधिकारियों ने (सीओ) अपना प्रदर्शन बेहतर दिखाने के चक्कर में दाखिल-खारिज से जुड़े आवेदनों को बिना कारण बताए धड़ाधड़ रद्द कर दिए हैं. इसकी सूचना मिलने पर विभाग ने इन सभी 200 सीओ से स्पष्टीकरण मांगा है.
जानकारी के मुताबिक, अंचलाधिकारी (सीओ) अपना प्रदर्शन बेहतर दिखाने के चक्कर में करीब 20 हजार आवेदनों के अकारण रद्द कर दिए. जब यह मामला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संज्ञान में आया तो उसके होश उड़ गये. मामले की जांच कराई तो 200 सीओ अकारण दाखिल-खारिज के आवेदन को रद्द करने के मामले में संदिग्ध पाए गए. जिसके बाद सख्ती बरतते हुए विभाग ने इन सभी 200 सीओ से स्पष्टीकरण मांगा है. इन्हें तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है.
इस मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने बताया कि जिन्होंने बेवजह लोगों के दाखिल-खारिज आवेदन रद्द किये है, विभाग ऐसे सीओ पर कार्रवाई करेगी. जांच के दायरे में आये 200 सीओ में से कुछ ने अपना जवाब भी विभाग को भेज दिया है, जबकि कुछ के आने बाकी हैं. विभाग एक-एक सीओ के स्पष्टीकरण की समीक्षा करेगा. अगस्त के पहले सप्ताह में पूरे मामले की समीक्षा की जायेगी और इसके बाद कार्रवाई शुरू होगी. मुख्यमंत्री के आदेश पर अंचलों की जांच का सिलसिला जारी है.
जानकारी के मुताबिक जांच रिपोर्ट के आधार पर दो दर्जन से अधिक अंचलाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है. पिछले दो-तीन महीने के दौरान जिन-जिन अंचलों के सीओ ने बिना किसी ठोस कारण मुख्य रूप से दाखिल-खारिज समेत अन्य जमीन संबंधित आवेदनों को रद्द किया है, उन सभी से सिलसिलेवार स्पष्टीकरण पूछा गया है. इन सभी अंचलाधिकारियों पर अब निलंबन की भी तलवार लटकने लगी है. हालांकि निलंबन समेत विभागीय कार्यवाही के संचालन के पहले अपना पक्ष रखने का मौका देगा.